कोलकाता : देव दिवाली हिंदू धर्म में एक बेहद महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे “देवों की दिवाली” भी कहा जाता है। यह पर्व दीपावली के 15 दिन बाद मनाया जाता है और इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार, इस दिन देवता पृथ्वी पर आकर दिव्य प्रकाश से वातावरण को आलोकित करते हैं, जिससे शांति और समृद्धि का वास होता है। इस दिन किए गए पूजा और कार्य न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि मानसिक और शारीरिक शांति के लिए भी अत्यधिक लाभकारी माने जाते हैं। आइए जानते हैं देव दिवाली के दिन किए जाने वाले खास कामों के बारे में, जो आपके जीवन में सुख और समृद्धि लाएंगे।
1. भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा
देव दिवाली के दिन सबसे पहले भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। विशेष रूप से इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है, वहीं देवी लक्ष्मी की पूजा से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है। पूजा के दौरान घर के हर कोने में दीप जलाना न भूलें, क्योंकि दीपकों का खास महत्व होता है। दीप जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बुरी शक्तियां दूर होती हैं।
2. पवित्र नदियों में स्नान और ताजगी का अनुभव
देव दिवाली के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का खास महत्व है। माना जाता है कि इस दिन गंगा, यमुना या नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और आत्मिक शांति प्राप्त होती है। इस दिन स्नान से देवता प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन में समृद्धि का आगमन होता है।
3. दीपदान से घर में सकारात्मक ऊर्जा
देव दिवाली पर दीप जलाने से न सिर्फ घर में लक्ष्मी का वास होता है, बल्कि बुरी शक्तियों का नाश भी होता है। दीप जलाने से वातावरण शुद्ध होता है और एक दिव्य वातावरण बनता है। इस दिन दीपदान की परंपरा से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
4. व्रत और उपवास रखें
देव दिवाली के दिन उपवास रखने से शरीर की शुद्धि होती है और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। यह दिन व्यक्ति को आत्म-संयम और शारीरिक व मानसिक शांति की ओर प्रेरित करता है। उपवास रखने से व्यक्ति की आंतरिक शक्ति बढ़ती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।
5. दान और पुण्य का महत्व
देव दिवाली पर दान-पुण्य का भी बहुत महत्व है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री, वस्त्र, धन या अन्य उपयोगी चीजें दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह न केवल व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि लाता है, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाता है।
6. तुलसी पूजन
देव दिवाली पर तुलसी पूजन की परंपरा भी है, क्योंकि तुलसी का पौधा धार्मिक दृष्टि से बहुत पवित्र माना जाता है। तुलसी की पूजा करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और परिवार के सदस्य स्वस्थ रहते हैं। साथ ही, घर में शांति और सुख का वातावरण बना रहता है।
7. ब्रह्मचर्य का पालन
देव दिवाली के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। यह दिन संयम, आत्म-नियंत्रण और आंतरिक शांति का होता है, जिससे व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
8. भूमि पर सोने की परंपरा
देव दिवाली पर भूमि पर सोने की परंपरा भी है, जो शांति और संतुलन का प्रतीक है। यह माना जाता है कि भूमि पर सोने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। यह परंपरा शांति और मानसिक स्थिरता को बढ़ाती है।
देव दिवाली न केवल धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत भी है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा, दीपदान, व्रत-उपवास, दान-पुण्य और तुलसी पूजन जैसे कार्यों से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। इस दिन किए गए कार्य न केवल आत्मिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। अत: देव दिवाली को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाना चाहिए।