कोलकाता : कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के जूनियर चिकित्सकों ने सोमवार को सवाल उठाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले को सुलझाने के लिए सात दिनों की समयसीमा क्यों तय की। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मांगें पूरी होने तक वे अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। महिला चिकित्सक से कथित बलात्कार और उसकी हत्या की मजिस्ट्रेट जांच की मांग को लेकर जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल और जनाक्रोश के बीच सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वादा किया कि अगर पुलिस रविवार तक इस मामले को सुलझाने में विफल रहती है तो मामला सीबीआई को सौंप दिया जाएगा। अपनी मांगों को लेकर जूनियर चिकित्सक, प्रशिक्षु और परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सकों की हड़ताल सोमवार को लगातार चौथे दिन भी जारी रहने के कारण अस्पतालों में सेवाएं बाधित हैं। सीएम के पारदर्शी जांच के वादे के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने कार्रवाई में देरी की आलोचना की और मामले की न्यायिक जांच की मांग की। साथ ही दोषियों के लिए मृत्युदंड और पीड़ित परिवार के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग की।
उसने अपना बयान बदल दिया
प्रदर्शनकारी जूनियर चिकित्सकों ने जांच के बारे में फैलाई जा रही अफवाहों के लिए कोलकाता पुलिस से माफी मांगने की भी मांग की और जोर दिया कि अस्पताल के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को हटाया जाए और उन्हें कहीं और तैनात न किया जाए। मामला सामने आने के बाद शुरू में, पुलिस ने संदेह जताया था कि यह आत्महत्या थी, लेकिन बाद में उसने अपना बयान बदल दिया।
क्यों टाली जा रही जांच
एक प्रदर्शनकारी जूनियर चिकित्सक ने कहा, ‘‘जांच रविवार तक क्यों टाली जा रही है? हम जांच से नाखुश हैं। हमारी मांगें स्पष्ट हैं। हम चाहते हैं कि मामले की न्यायिक जांच हो और दोषियों को मृत्युदंड मिले। पीड़िता के परिवार को उचित मुआवजा मिलना चाहिए। हम यह भी चाहते हैं कि कोलकाता पुलिस जांच को लेकर फैली अफवाहों के लिए माफी मांगे।’’
वहीं, मुख्यमंत्री बनर्जी महिला चिकित्सक के घर गईं और उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की।