1. ढाई साल में 95 आदेश, इनमें भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के खिलाफ अधिक: अगस्त 2022 में वकीलों ने जब जस्टिस अभिजीत गांगुली पर सिर्फ पब्लिसिटी के लिए केस सुनने का आरोप लगाया तो उन्होंने डाटा जारी कर दिया। जस्टिसी गांगुली ने कहा कि मैंने पिछले ढाई साल में 95 आदेश पारित किए हैं। गांगुली ने कहा कि ढाई साल में 18 महीने तो कोर्ट का कामकाज कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित रहा, लेकिन इसके बावजूद मैंने रोज सुनवाई की। गांगुली के दिए आदेश में अधिकांश आदेश भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी से जुड़े मामले में दिए गए हैं। जस्टिस गांगुली ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में ही करीब 10 अलग-अलग आदेश पारित किए। इनमें CBI जांच के आदेश, पार्थ चटर्जी से पूछताछ, परेश अधिकारी की बेटी को नौकरी से हटाना जैसा आदेश भी शामिल था। जस्टिस गांगुली ने बैरकपुर में ऑटो ड्राइवर के गुंडागर्दी के खिलाफ दाखिल एक याचिका पर कमिश्नर को तलब कर लिया था, जबकि पेंशन से जुड़े एक मामले में मिदनापुर कोर्ट के जज को बुला लिया था।
2. पत्रकारों से कहा- सुनवाई की वीडियोग्राफी करें: अगस्त 2022 में शिक्षक भर्ती घोटाले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अभिजीत गांगुली ने पत्रकारों से कहा कि यहां जो कुछ भी चल रहा है, आप उसका वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं। जज के इस आदेश का वहां मौजूद वकीलों ने जमकर विरोध किया, वकीलों का कहना था कि इस तरह के आदेश से कोर्ट मछली बाजार बनकर रह जाएगा। दरअसल, उस दिन कोलकाता हाईकोर्ट में तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल की बेटी सुकन्या की पेशी थी। वकीलों का कहना था कि इस तरह के आदेश से पब्लिसिटी बटोरी जा रही है। इस पर जस्टिस गांगुली के इस फैसले ने खूब सुर्खियों बटोरी थी।
3. नाम लिए बगैर ममता बनर्जी की कविता पर टिप्पणी: बंगाल सरकार ने ममता बनर्जी की कविता और किताब को सभी सरकारी लाइब्रेरी में रखने का आदेश दिया था। इस पर जस्टिस गांगुली ने निशाना साधा था। ममता की कविता पर उनकी टिप्पणी ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। जनवरी 2023 में एक कार्यक्रम में जस्टिस गांगुली ने मुख्यमंत्री का नाम लिए बगैर कहा कि एपांग, ओपंग और झपांग को कौन पढ़ना चाहेगा? उन्होंने कहा राज्य सरकार इसे पुस्तकालय में रखकर पैसा न बर्बाद करें।
4. सीबीआई से कहा- प्रधानमंत्री से शिकायत कर दूंगा: शिक्षक भर्ती घोटाले की धीमी जांच पर जस्टिस अभिजीत गांगुली ने नाराजगी जताई थी। जस्टिस गांगुली ने सीबीआई अधिकारियों से कहा कि भ्रष्टाचार की जांच धीमा होने का मतलब है कि भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने अधिकारियों से सख्त लहजे में कहा कि अगर ठीक ढंग से काम नहीं किया तो प्रधानमंत्री मोदी से सबकी शिकायत कर दूंगा। इतना ही नहीं, अधिकारियों को चेतावनी देते हुए जस्टिस गांगुली ने कहा कि सभी की संपत्ति जांच का आदेश दे दूंगा। जस्टिस गांगुली ने सीबीआई के वकील से कहा कि इसे गंभीरता से लीजिए और अभ्यर्थियों को न्याय दिलवाइए। 2021 में पश्चिम बंगाल भर्ती घोटाले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपी गई थी। तृणमूल कांग्रेस ने हाईकोर्ट के आदेश पर सवाल उठाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले के खिलाफ बंगाल सरकार को कोई राहत नहीं मिली।
5. सुनवाई में कहा- टीएमसी का सिंबल वापस लेने के लिए कह सकता हूं : शिक्षक भर्ती घोटाले की सुनवाई के दौरान जस्टिस गांगुली की एक टिप्पणी काफी विवादों में रही थी। उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि मैं चुनाव आयोग से कह सकता हूं कि तृणमूल कांग्रेस का सिंबल वापस ले लें। जस्टिस गांगुली ने आगे कहा कि दीदी इतने गुंडों से कैसे निपटती होगी?
जस्टिस गांगुली के इस टिप्पणी पर खूब बवाल मचा और तृणमूल ने विरोध में मोर्चा खोल दिया। तृणमूल कांग्रेस ने जस्टिस गांगुली के इस बयान पर कहा था कि जज राजनीति में जाने की तैयारी कर रहे हैं, इसलिए माहौल बना रहे हैं । हालांकि, विरोध के बाद जस्टिस गांगुली ने कहा कि मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रही हैं।
रिपोर्ट- दीपक रतन मिश्रा
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