कोलकाता : माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस साल मौनी अमावस्या 9 फरवरी को है। मौनी अमावस्या का ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद दान करना शुभ माना जाता है। मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन मौन व्रत रखने का विधान है। हालांकि गृहस्थ लोगों के लिए दिन भर मौन रह पाना थोड़ा मुश्किल है। ऐसे में गृहस्थ लोग पूजा-पाठ करने के बाद अपना मौन व्रत खोल सकते हैं। इसके अलावा शास्त्रों में मौनी अमावस्या के दिए कुछ ऐसे कार्य बताए गए हैं, जिन्हें करने से आपको बचना चाहिए। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या के दिन क्या करें और क्या नहीं…
मौनी अमावस्या के दिन क्या करें?
इस दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा स्नान करें। यदि आप गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं, तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
स्नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्य जरूर दें। ध्यान रहे स्नान करने से पहले तक कुछ बोलें नहीं।मौनी अमावस्या के दिन ज्यादा से ज्यादा ध्यान, प्रार्थना व अन्य धार्मिक क्रिया करें। इस दिन दान जरूर करें। जरूरतमंद लोगों की मदद करें। निस्वार्थ कार्य करना इस दिन शुभ फलदायी होता है। मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाएं ताकि शरीर और आत्मा दोनों शुद्ध हो जाएं। मौनी अमावस्या के दिन उपवास करें, ऐसा करना शुभ फल देता है।
मौनी अमावस्या के दिन क्या ना करें?
मौनी अमावस्या के दिन मांस-मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन केवल सादा भोजन ही करें। साथ ही जितना हो सके मौन रहने की कोशिश करें। मौनी अमावस्या के दिन झूठ बोलने से बचना चाहिए। इसका उल्टा प्रभाव आपके जीवन में पड़ने की संभावना रहती है।मौनी अमावस्या के दिन देर तक सोने से बचना चाहिए।मौनी अमावस्या के दिन नकारात्मक विचारों और भावनाओं को अपने अंदर न आने दें।