कोलकाता : पश्चिम बंगाल समेत पूरे कोलकाता में बढ़ता हुआ प्रदूषण जहां चिंता का विषय बना हुआ है तो वहीं बीते वर्ष की तुलना में इस साल राज्य के 6 नॉन अटेनमेंट शहरों में प्रदूषण कम हुआ है। सभी 6 नॉन अटेनमेंट शहरों की एक सूची जारी की गयी है। इस बारे में पीसीबी के चेयरमैन कल्याण रुद्र ने कहा कि बीते साल की तुलना में इस बार नॉन अटेनमेंट शहरों में प्रदूषण का स्तर जहां कम हुआ है, वहीं आसनसाेल में प्रदूषण कम करना संभव नहीं हो पाया है। इसके विपरीत आसनसोल में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। कल्याण रुद्र ने इसके पीछे कारण बताते हुए कहा कि ट्रांस बाउंड्री और माइन्स पोल्यूशन के कारण ऐसा हुआ है। पड़ोसी राज्यों से प्रदूषण यहां आता है जिस कारण इस पर नियंत्रण करना मुश्किल हो रहा है। यहां उल्लेखनीय है कि आसनसोल में गत वर्ष पीएम 10 जहां 111 था, वहीं इस साल यह बढ़कर 140 हो गया है। वहीं हल्दिया को लेकर उन्होंने कहा कि एक समय में हल्दिया गंभीर रूप से प्रदूषित शहर था, लेकिन बाद में इसे केंद्र सरकार ने इस सूची से निकाल दिया। अब हल्दिया 10 सबसे कम प्रदूषित शहरों में शामिल हो गया है।
प्रदुषण कम करने के उपायों पर दे रहे ध्यान
कल्याण रुद्र ने बताया कि कुल 800 कि.मी. तक हरियाली व प्रदूषण कम करने के लिये पेड़ लगाये जायेंगे। फिलहाल 7 कि.मी. इलाके में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत झारखण्ड से की गयी है। हालांकि इस साल अभी इसे रोका गया है क्योंकि सूखा मौसम है। अगले साल मई महीने के अंत से इसकी शुरुआत पुनः की जायेगी।
काशीपुर में धूल को लेकर रेलवे को निर्देश
काशीपुर के डॉक इलाके में उड़ती धूल ने काफी परेशानी बढ़ा दी है। यहां से लोगों को मुंह ढंककर गुजरना पड़ता है और इससे सांस लेने में तकलीफ की समस्या भी बढ़ जाती है। इस इलाके को लेकर पीसीबी के मेम्बर सेक्रेटरी डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि रेलवे को इस संबंध में पत्र भेजा गया था और रेलवे को निर्देश दिया गया है कि वहां क्या करना है। उनकी ओर से इस पर काम किया जा रहा है।
सोमवार को सभी स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता खराब
कोलकाता के 7 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से केवल रवींद्र भारती यूनिवर्सिटी को छोड़कर अन्य सभी स्टेशनों फोर्ट विलियम, विक्टोरिया, बालीगंज, विधाननगर, रवींद्र सरोवर और जादवपुर में सोमवार को वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब रही। फोर्ट विलियम में एक्यूआई 285 दर्ज किया गया जबकि विक्टोरिया में 270, बालीगंज में 272, विधाननगर में 264, रवींद्र सरोवर में 232 और जादवपुर में 239 एक्यूआई दर्ज किया गया। खराब एक्यूआई का मतलब है कि लंबे समय तक बाहर रहने पर लोगों को सांस लेने में तकलीफ की समस्या हो सकती है।
बढ़ रही है सांस संबंधी समस्या
प्रदूषण बढ़ने के साथ ही सांस संबंधी समस्या भी बढ़ने लगी है। सॉल्टलेक स्थित मणिपाल अस्पताल के डायरेक्टर अरिंदम बनर्जी ने कहा, ‘हमारे यहां 2 बुजुर्ग व एक व्यस्क समेत कुल 3 मरीज सांस संबंधी तकलीफ के साथ भर्ती हैं। मौसमी बदलाव के कारण हर साल ही यह समस्या इस दौरान बढ़ती है।’