कोलकाता: आज बाबा काल भैरव की जयंती है। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव की जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव के पांचवें अवतार काल भैरव की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में बाबा कालभैरव को तंत्र-मंत्र का देवता माना गया है। इसलिए तंत्र-मंत्र की साधना करने से सबसे पहले काल भैरव की पूजा की जाती है।
मान्यता है कि कालभैरव की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है और जातक को भय से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा जातक के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप इस दिन विधि-विधान के साथ पूजा करने के अलावा अगर कुछ खास उपाय करेंगे तो इससे भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होंगे।
काल भैरव पूजा का समय (रात)- 5 दिसंबर 2023 को रात 11 बजकर 44 मिनट से रात 12 बजकर 39 मिनट तक
काल भैरव जयंती पर करें ये खास उपाय
1. काल भैरव जयंती के दिन बिल्वपत्र पर लाल या सफेद चंदन से ‘ॐ नमः शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इस दौरान अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा ओर रखें। कहा जाता है कि ऐसा करने से बाबा काल भैरव प्रसन्न होंगे और आपकी इच्छा पूरी करेंगे।
2. भगवान काल भैरव का वाहन कुत्ता माना जाता है। ऐसे में काल भैरव जयंती के दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी और गुड़ के पुए खिलाएं। इससे आपके जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाएंगे।
3. इस दिन कालभैरव की विधि-विधान के साथ पूजा करने के साथ ही आपको ‘ॐ कालभैरवाय नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। इसके साथ ही भूत,प्रेत जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं।
4. काल भैरव जयंती के दिन बाबा काल भैरव को गुलाब और चंदन अर्पित करें। इसके साथ ही इनके सामने खुशबूदार अगरबत्ती जलाएं। इसके अलावा इस दिन पांच या सात नींबू की माला भैरव बाबा को अर्पित करें।
कहा जाता है कि ऐसा करने से भैरव बाबा की जमकर कृपा बरसेगी।
5. काल भैरव जयंती के दिन बाबा काल भैरव को गुलाब और चंदन अर्पित करें। इसके साथ ही इनके सामने खुशबूदार अगरबत्ती जलाएं। इसके अलावा इस दिन पांच या सात नींबू की माला भैरव बाबा को अर्पित करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से भैरव बाबा की जमकर कृपा बरसेगी।