नई दिल्ली: चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान फिर से दोबारा एक्टिव हो सकता है। किसी भी समय इसके एक्टिव होने की ख़बर आ सकती है। चांद के साउथ पोल रीजन में स्लीप मोड पर लैंडर और रोवर है। साउथ पोल रीजन के शिव शक्ति पॉइंट पर शुक्रवार (22 सितंबर) से ही रोशनी पहुंचनी शुरू हो गई है।
इनमें लगे सोलर पैनल में बैट्री चार्ज होती है तो यह दोबारा एक्टिव हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक 20 सितंबर को ही चंद्रमा की सतह पर सूर्योदय हो चुका है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) लैंडर और विक्रम को आज सिग्नल भेज सकता है। अगर यह फिर से एक्टिव हो गया तो आने वाले 10-12 दिनों तक रोवर और प्रज्ञान इसरो को जानकारियां भेज पाएगा। चंद्रयान-3 की टेक्निकल स्टेटस की मॉनिटरिंग भी शुरू कर दी गई है। गुरुवार (21 सितंबर) को इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा था कि 20 सितंबर से ही चांद पर सूर्योदय की शुरुआत हो गई है।
‘निश्चित तापमान का इंतजार किया जाएगा’
सोमनाथ ने कहा था कि 21-22 सितंबर तक शिव शक्ति पॉइंट पर रोशनी पड़ने लगेगी। पहले दोनों के एक निश्चित तापमान से ऊपर गर्म होने का इंतजार किया जाएगा। इसके बाद इसरो के कमांड सेंटर से स्पेशल कमान भेजकर दोनों उपकरणों को एक्टिव करने की कोशिश होगी। हम सिर्फ उम्मीद कर सकते हैं।
ऐसे काम करेगा लैंडर और रोवर
जानकारी के अनुसार लैंडर और विक्रम में पावरफुल लीथियम बैटरी लगाई गई है। इनमें सोलर पैनल भी लगा होता है जो सूरज की रोशनी पड़ते ही चार्ज होने लगती है। सबसे पहले लैंडर के ऑनबोर्ड कंप्यूटर में कम्युनिकेशन कमान भेजे जाएंगे। अगर लैंडर और रोवर की बैटरी फिर से चार्ज हो रही होगी तो इसरो के कमान का तत्काल रिस्पांस इन यंत्रों से तुरंत धरती के कमांड सेंटर पर मिलेगा। इसके बाद विक्रम और प्रज्ञान की तकनीकी स्थिति का आंकलन किया जाएगा।अगर यह एक्टिव हो जाता है तो दोबारा चांद की धरती पर वन लूनर डे यानी धरती के 14 दिनों तक प्रज्ञान के पेलोड्स के जरिए चांद की मिट्टी और भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन शुरू होगा। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि विक्रम और प्रज्ञान दोबारा काम करना शुरू कर सकते हैं।
‘चंद्रयान-1 के डेटा से कई चीजों का पता चला’
इसरो के पूर्व अध्यक्ष के सिवन ने कहा कि ये एक लूनर नाइट से गुजर चुका है। अब लूनर डे शुरू होता है तो अब वे जागने की कोशिश करेंगे। अगर सभी प्रणालियां काम कर रही हैं तो यह ठीक होगा। यह अंत नहीं है, अभी और भी नई साइंस आएगी। उन्होंने कहा कि अब भी चंद्रयान-1 के डेटा से कई खोजें सामने आई हैं। इसलिए, मुझे उम्मीद है कि बहुत सी नई चीजें आएंगी। वैज्ञानिक प्रयास करते रहेंगे।