

नई दिल्ली: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा को बताया कि देश में स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ पर तेजी से काम किया जा रहा है, जबकि यह कार्य 1980 या 1990 के दशक में ही पूरा हो जाना चाहिए था। प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के जवाब में मंत्री ने कहा कि दुनिया के कई देशों ने यह प्रणाली काफी पहले ही स्थापित कर ली थी, लेकिन भारत में पूर्ववर्ती सरकारों ने इस दिशा में कदम नहीं उठाए।
बहुत जटिल प्रणाली
उन्होंने कहा, “यह बहुत जटिल प्रणाली है और रेलवे के हर सेक्शन के लिए अलग-अलग डिजाइन करनी पड़ती है। हमारी टीम दिन-रात काम कर रही है ताकि वह काम, जो 1980 या 1990 के दशक में होना चाहिए था, 2014 के बाद से तेजी से पूरा किया जा सके।
PM के नेतृत्व में परियोजना पर काम प्रगति पर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस परियोजना को आगे बढ़ाया गया है।” मंत्री ने बताया कि पूरे देश में ‘कवच’ प्रणाली का काम तेजी से चल रहा है और इसमें ओडिशा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इससे बेहतरीन परिणाम मिल रहे हैं।
पांच मुख्य उप-प्रणालियों से मिलकर बनी ‘कवच’ प्रणाली
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ‘कवच’ प्रणाली पांच मुख्य उप-प्रणालियों से मिलकर बनी एक अत्यंत जटिल तकनीक है। उन्होंने बताया कि इसमें रेलवे ट्रैक के साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना, निश्चित दूरी पर टेलीकॉम टावर लगाना, हर मध्य (इंटरमीडियेट) स्टेशन पर कवच डेटा सेंटर स्थापित करना, हर कुछ सौ मीटर पर ट्रैक कवच सिस्टम लगाना और लोकोमोटिव पर कवच डिवाइस स्थापित करना शामिल है। मंत्री ने कहा कि इन सभी चरणों पर कार्य तेज गति से चल रहा है और प्रणाली से सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त हो रहे हैं।