राष्ट्रपति ने 99 शिल्पकारों को शिल्प गुरु एवं राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार प्रदान किए
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को विज्ञान भवन में वर्ष 2023-2024 के लिए शिल्प गुरु एवं राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार प्रदान किए। देश के 25 राज्यों से आए 99 उत्कृष्ट शिल्पकारों को यह सम्मान दिया गया।
हस्तशिल्प ने भारत को बनाया विश्व में प्रसिद्ध
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे शिल्पकारों की कुशल उंगलियों ने ही भारत की हस्तकला को विश्व पटल पर स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि आज 450 से अधिक भारतीय हस्तशिल्प उत्पादों को जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) मिल चुका है। ‘एक जिला-एक उत्पाद’ (ODOP) योजना के तहत क्षेत्रीय निर्यात में 2020 से अब तक 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
विविधता से भरा पुरस्कार वितरण समारोह
इस बार के पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में ओडिशा की पत्तचित्र चित्रकला, आंध्र प्रदेश की थोलू बोम्मलाता कठपुतलियाँ, राजस्थान की मिनिएचर पेंटिंग, कश्मीर की पश्मीना शॉल, तमिलनाडु की तंजावुर पेंटिंग जैसे पारंपरिक शिल्प शामिल रहे। सबसे बुजुर्ग शिल्पकार 92 वर्षीय थे, जबकि सबसे युवा केवल 30 वर्ष के।
हस्तशिल्प क्षेत्र रोजगार का बड़ा स्रोत
सरकारी आंकड़ों के अनुसार हस्तशिल्प क्षेत्र देश में लगभग 70 लाख ग्रामीण कारीगरों को प्रत्यक्ष रोजगार देता है। भारत का हस्तशिल्प निर्यात प्रतिवर्ष लगभग 5 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 42 हजार करोड़ रुपये) का होता है। पिछले पांच वर्षों में निर्यात में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।

