PM मोदी और टेड्रोस ने किया नए WHO भवन का उद्घाटन

नड्डा ने कहा, "यह भवन केवल एक इमारत नहीं, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लोगों की साझा आकांक्षाओं का प्रतीक है।
PM मोदी और टेड्रोस ने किया नए WHO भवन का उद्घाटन
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने दूसरे डब्ल्यूएचओ ग्लोबल समिट ऑन ट्रैडिशनल मेडिसिन के समापन सत्र में नए दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय (सीआरओ) भवन का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। यह भवन भारत सरकार के उदार सहयोग से निर्मित हुआ है और इसे "केवल एक कार्यस्थल से अधिक" बताते हुए डॉ. टेड्रोस ने वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग का प्रतीक करार दिया।

भवन की विशेषताएं

नया कार्यालय परिसर पुराने कार्यालय से लगभग चार गुना बड़ा है, जो 40,500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें डब्ल्यूएचओ का भारत देश कार्यालय भी शामिल है। यह 11 दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने का केंद्र बनेगा। महामारी, एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस और पारंपरिक चिकित्सा जैसे मुद्दों पर क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देगा।

Summary
नड्डा ने कहा, "यह भवन केवल एक इमारत नहीं, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लोगों की साझा आकांक्षाओं का प्रतीक है।" डॉ. टेड्रोस के साथ द्विपक्षीय मुलाकात में स्वास्थ्य सहयोग पर चर्चा हुई।

जेपी नड्डा का दौरा

20 दिसंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने नए भवन का दौरा किया। उन्होंने इसे वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। नड्डा ने कहा, "यह भवन केवल एक इमारत नहीं, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के लोगों की साझा आकांक्षाओं का प्रतीक है।" डॉ. टेड्रोस के साथ द्विपक्षीय मुलाकात में स्वास्थ्य सहयोग पर चर्चा हुई।

भारत-डब्ल्यूएचओ साझेदारी की मजबूती

यह उद्घाटन भारत और डब्ल्यूएचओ के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को दर्शाता है। पारंपरिक चिकित्सा सम्मेलन में योग पर तकनीकी रिपोर्ट और आयुष की पुस्तक जारी की गई। प्रधानमंत्री ने योग पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। नया भवन क्षेत्रीय स्वास्थ्य चुनौतियों जैसे महामारी और जीवनशैली रोगों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

क्षेत्रीय स्वास्थ्य पर प्रभाव

नया क्षेत्रीय कार्यालय दक्षिण-पूर्व एशिया के 11 देशों में स्वास्थ्य नीतियों को मजबूत करेगा। यह महामारियों की तैयारी, टीकाकरण अभियानों और गैर-संचारी रोगों के नियंत्रण में सहायता प्रदान करेगा। भारत की पारंपरिक चिकित्सा जैसे आयुर्वेद और योग को वैश्विक स्तर पर एकीकृत करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

भविष्य की योजनाएं

WHO और भारत सरकार आगे चलकर संयुक्त अनुसंधान, प्रशिक्षण कार्यक्रम और आपातकालीन स्वास्थ्य प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करने पर जोर देंगी। यह भवन क्षेत्रीय बैठकों, कार्यशालाओं और नीति निर्माण का प्रमुख केंद्र बनेगा, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य लक्ष्यों की प्राप्ति में तेजी आएगी।

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