

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनकी 90वीं जयंती पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए मोदी ने मुखर्जी को भारतीय लोकतंत्र का विद्वान स्तंभ बताया और उनके साथ बिताए पलों को याद किया।
“लोकतंत्र के विद्वान और मार्गदर्शक”
पीएम मोदी ने लिखा, “आज भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी जी की जयंती है। लोकतंत्र के विद्वान और हमारे समय के एक प्रमुख राजनेता के रूप में उन्होंने जो योगदान दिया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके साथ बातचीत से मुझे हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता था। उनकी स्मृति को नमन करता हूं।” पोस्ट के साथ एक पुरानी तस्वीर भी साझा की गई, जिसमें वह प्रणब दा को फूल भेंट करते दिख रहे हैं।
राजनीतिक मतभेदों से ऊपर का रिश्ता
प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे और 2012 से 2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति रहे। राजनीतिक रूप से विपरीत ध्रुवों पर होने के बावजूद मोदी और मुखर्जी के बीच गहरा सम्मान था। 2017 में मोदी ने प्रणब दा की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी की किताब “Pranab, My Father: A Daughter Remembers” के लिए प्रस्तावना भी लिखी थी। उसमें मोदी ने उन्हें “पिता तुल्य” बताया था।
राष्ट्रपति स्मृति स्थल पर बनेगा स्मारक
जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने दिल्ली के राष्ट्रपति स्मृति स्थल पर प्रणब मुखर्जी के लिए स्मारक बनाने को मंजूरी दी थी। यह फैसला कांग्रेस के उस इतिहास से अलग था जब गाँधी परिवार से बाहर के नेताओं को ऐसे सम्मान से वंचित रखा जाता रहा। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस कदम के लिए मोदी सरकार को धन्यवाद दिया था।
विरासत जो हमेशा प्रेरित करती रहेगी
पाँच दशक से अधिक के सार्वजनिक जीवन में प्रणब मुखर्जी ने वित्त, रक्षा, विदेश जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले। अपने गहन ज्ञान और संसदीय परंपराओं के मर्मज्ञ के रूप में उन्हें सभी दलों में सम्मान मिला। उनकी 90वीं जयंती पर देश उन्हें एक कुशल प्रशासक, दूरदर्शी नेता और लोकतंत्र के सच्चे संरक्षक के रूप में याद कर रहा है।