लोकसभा ने पान मसाला पर उपकर लगाने वाला विधेयक पारित किया

हानिकारक वस्तुओं पर कर से राजस्व बढ़ेगा, रक्षा और बुनियादी ढांचे में खर्च के लिए सरकार का कदम
लोकसभा ने पान मसाला पर उपकर लगाने वाला विधेयक पारित किया
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नई दिल्ली: लोकसभा ने पान मसाला पर उपकर लगाने के प्रावधान वाले विधेयक को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ पर हुई चर्चा का जवाब दिया, जिसके बाद सदन ने विभिन्न संशोधनों को खारिज करते हुए विधेयक को ध्वनिमत से स्वीकृति दे दी।

चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह किसी भी वित्त मंत्री की जिम्मेदारी होती है कि राजस्व बढ़ाया जाए ताकि विभिन्न क्षेत्रों में मांग को पूरा किया जा सके, लेकिन यहां एक सरकार है जिसने कर के दायरे को घटाया है। उन्होंने कहा कि आयकर की सीमा में भारी छूट दी गई है और 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर देने की जरूरत नहीं है।

GST में व्यापक बदलाव

सीतारमण ने कहा कि जीएसटी में व्यापक बदलाव किया गया है ताकि चीजें किफायती हों। उनका कहना था कि आयकर की सीमा बढ़ाने से लोगों के हाथ में एक लाख करोड़ रुपये बचे हैं। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘क्या आम लोगों की बुनियादी जरूरत की किसी वस्तु पर कर लगा रही हूं, बिल्कुल नहीं। सिर्फ हानिकारक वस्तुओं पर कर लगाया जा रहा है। मुझे लगता है कि शायह ही कोई सदस्य यह कहेगा कि पान मसाला की कीमत किफायती होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि यह भी सत्य है कि रक्षा और सड़क निर्माण के लिए पैसे की जरूरत होती है।

बोफोर्स मामले के बाद 30 साल तक तोप की खरीद नहीं हुई थी

सीतारमण ने कहा कि बोफोर्स मामले के बाद 30 साल तक तोप की खरीद नहीं की गई और स्थिति यह हुई कि इस अवधि में कई रक्षा मंत्री तो फैसले ही नहीं कर पाए। उन्होंने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय रक्षा साजो-समान की कथित तौर पर खरीद नहीं होने का उल्लेख भी किया।

वित्त मंत्री का कहना था, ‘‘मैं इस विधेयक के दायरे में आटे को नहीं ला सकती, इसमें सिर्फ हानिकारक वस्तुएं ही लाई जा सकती हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘उपकर कोई नई व्यवस्था नहीं है। 2014 से पहले चार उपकर का संग्रह किया जाता था।’’ सीतारमण ने कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर के संग्रह से राज्यों का हिस्सा उन्हें भेजा गया है।

राजस्व संग्रह कैग की छानबीन के दायरे में

उनका कहना था कि राजस्व संग्रह कैग की छानबीन के दायरे में आता है। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा था कि विधेयक का मकसद अतिरिक्त संसाधन जुटाना है तथा इससे मिलने वाले राजस्व का एक हिस्सा राज्यों के साथ साझा किया जाएगा।

GST व्यवस्था पर कोई असर नहीं

वित्त मंत्री ने सदन में विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए यह भी कहा था कि इस विधेयक का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा तथा पान मसाला के उपभोग पर 40 प्रतिशत की जीएसटी बरकरार रहेगी।

‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’ पान मसाला पर लगाए जाने वाले क्षतिपूर्ति उपकर की जगह लेगा। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े खर्चों के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाना है। इसके तहत उन मशीनों या प्रक्रियाओं पर उपकर लगाया जाएगा, जिनके माध्यम से उक्त वस्तुओं का निर्माण या उत्पादन किया जाता है।

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