कर्नाटक उच्च न्यायालय ने माहवारी अवकाश संबंधी अधिसूचना पर रोक लगाई

9 नवंबर को जारी अधिसूचना में स्थायी, संविदा और ‘आउटसोर्स’ नौकरियों में कार्यरत 18 से 52 वर्ष की आयु की महिला कर्मचारियों को प्रति माह एक दिन का सवेतन माहवारी अवकाश देने का प्रावधान किया गया था।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने माहवारी अवकाश संबंधी अधिसूचना पर रोक लगाई
Published on

बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कामकाजी महिलाओं के लिए महीने में एक दिन का माहवारी अवकाश अनिवार्य किये जाने संबंधी राज्य सरकार की अधिसूचना पर मंगलवार को रोक लगा दी।

9 नवंबर को जारी अधिसूचना में स्थायी, संविदा और ‘आउटसोर्स’ नौकरियों में कार्यरत 18 से 52 वर्ष की आयु की महिला कर्मचारियों को प्रति माह एक दिन का सवेतन माहवारी अवकाश देने का प्रावधान किया गया था।

न्यायमूर्ति ज्योति एम. की पीठ ने ‘बैंगलोर होटल्स एसोसिएशन’ और ‘अविराता एएफएल कनेक्टिविटी सिस्टम्स’ द्वारा दायर एक याचिका के आधार पर यह रोक लगाई। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि कर्नाटक सरकार ने ऐसे प्रावधान करने से पहले उनसे परामर्श नहीं किया।

यह अवकाश कारखाना अधिनियम, 1948, कर्नाटक दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1961, बागान श्रमिक अधिनियम, 1951, बीड़ी एवं सिगार श्रमिक (रोजगार की शर्तें) अधिनियम, 1966 और मोटर परिवहन श्रमिक अधिनियम, 1961 के तहत पंजीकृत सभी उद्योगों व प्रतिष्ठानों में कार्यरत महिलाओं के लिए था।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in