हर मोबाइल फ़ोन यूजर के लिए जरुरी खबर, हो जाए सावधान !

फर्जी दस्तावेजों पर सिम लेना या दूसरों को सिम सौंपना गंभीर उल्लंघन
हर मोबाइल फ़ोन यूजर के लिए जरुरी खबर, हो जाए सावधान !
Published on

नयी दिल्ली : अगर मोबाइल फोन उपभोक्ता के नाम पर खरीदा गए सिम कार्ड का इस्तेमाल साइबर धोखाधड़ी या किसी अवैध गतिविधि में होता है, तो उसके लिए मूल ग्राहक को भी कानूनी रूप से जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। दूरसंचार विभाग ने कहा कि मोबाइल फोन की विशिष्ट पहचान संख्या आईएमईआई में छेड़छाड़ वाले उपकरणों का उपयोग, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम लेना या दूसरों को सिम सौंपना गंभीर उल्लंघन है और इसके दुष्परिणाम मूल ग्राहक पर भी लागू होंगे।

विभाग ने कहा, छेड़छाड़ किए गए आईएमईआई नंबर वाले फोन का इस्तेमाल करना, धोखाधड़ी से सिम कार्ड खरीदना, या अपना सिम कार्ड दूसरों को देना या साइबर धोखाधड़ी के लिए उनका गलत इस्तेमाल करने वालों को सौंप देने के गंभीर कानूनी नतीजे हो सकते हैं। अगर उनके नाम पर लिए गए सिम कार्ड का बाद में गलत इस्तेमाल होता है, तो असली ग्राहक को भी दोषी माना जा सकता है।दूरसंचार विभाग ने ग्राहकों से कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (सीएलआई) या पहचान बदलने वाले दूसरे ऐप एवं वेबसाइट का उपयोग न करने की हिदायत भी दी है।

तीन वर्ष तक की कैद और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना

दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत मोबाइल उपयोगकर्ता की पहचान में मददगार आईएमईआई एवं अन्य तरीकों से छेड़छाड़ पर तीन वर्ष तक की कैद और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। दूरसंचार (दूरसंचार साइबर सुरक्षा) नियम, 2024 किसी भी व्यक्ति को आईएमईआई को बदलने या ऐसे उपकरण का उपयोग करने, उत्पादन करने या रखने से रोकता है जिसमें आईएमईआई संख्या में बदलाव किया जा सकता है।

दूरसंचार विभाग ने मोबाइल उपकरणों के आईएमईआई नंबर की पुष्टि ‘संचार साथी’ पोर्टल या ऐप के माध्यम से करने की सलाह दी है। सरकार ने दूरसंचार संसाधनों का गलत इस्तेमाल रोकने और सभी नागरिकों के लिए एक सुरक्षित दूरसंचार पारिस्थितिकी तैयार करने के लिए सख्त बंदिशें लगाई हैं।

नंबर ब्लॉक करने से नहीं रुकेगी स्पैम कॉल

मोबाइल फोन पर केवल नंबर ब्लॉक करने से स्पैम कॉल और धोखाधड़ी वाले संदेशों पर रोक नहीं लगती है। इसके लिए ग्राहकों को ‘ट्राई डीएनडी ऐप’ के जरिये ही स्पैम की शिकायतें दर्ज करानी चाहिए। दूरसंचार नियामक ट्राई ने यह बात कही। ‘ट्राई डीएनडी ऐप’ भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का आधिकारिक मंच है, जिसके जरिये मोबाइल उपभोक्ता स्पैम कॉल और स्पैम संदेश की शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। यहां पर डीएनडी का मतलब ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ से है।

21 लाख से अधिक मोबाइल नंबर काटे

उपभोक्ताओं की शिकायतों के आधार पर स्पैम और फर्जीवाड़े वाले संदेश भेजने पर अब तक 21 लाख से अधिक मोबाइल नंबर काटे जा चुके हैं और लगभग एक लाख इकाइयों को काली सूची में डाला जा चुका है। नियामक ने कहा, ‘TRAI ने एक परामर्श जारी किया है जिसमें लोगों से ट्राई डीएनडी ऐप के जरिये स्पैम कॉल/ फर्जी संदेश की सूचना देने की अपील की गई है। इसमें बताया गया है कि सिर्फ अपने फोन पर नंबर ब्लॉक करने से स्पैम नहीं रुकता है।’ नियामक ने कहा कि सामूहिक शिकायतों से ऐसे नंबरों की पहचान कर कार्रवाई करना संभव होता है।

नंबर ब्लॉक करने का मतलब

ट्राई के मुताबिक, फोन में नंबर ब्लॉक करने का मतलब सिर्फ यह है कि वह कॉल आपके फोन पर नहीं आएगी लेकिन फर्जीवाड़ा करने वाला उसी या नए नंबरों से बाकी लोगों को कॉल करते रहते हैं। ट्राई ने कहा कि डीएनडी ऐप के जरिये दर्ज की गई शिकायतें दूरसंचार कंपनियों और नियामक को संदिग्ध नंबरों का पता लगाने, उनकी जांच करने और स्थायी रूप से डिस्कनेक्ट करने में मदद करती हैं।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in