निर्वाचन आयोग अहंकार त्यागे, 2003 की तरह SIR के लिए पर्याप्त समय दे: कांग्रेस

तिवारी ने कहा, ‘संवाददाताओं से कहा, 'विपक्षी दलों को लगता है कि अगर एसआईआर पर कोई चर्चा नहीं होती है, तो इसका मतलब है कि सरकार नहीं चाहती कि संसद चले।’
निर्वाचन आयोग अहंकार त्यागे, 2003 की तरह SIR के लिए पर्याप्त समय दे: कांग्रेस
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नई दिल्ली: कांग्रेस ने रविवार को कहा कि निर्वाचन आयोग की ओर से विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की समयसीमा को आगे बढ़ाए जाने से स्पष्ट हो गया है कि कम समय से इसे पूरा करना अव्यवहारिक है। राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा कि इसमें इसके लिए एक-डेढ़ साल का समय सुनिश्चित होना चाहिए जैसे वर्ष 2003 में हुआ था। उनका कहना था कि आयोग को अहंकार त्यागना चाहिए और 2003 के कार्यक्रम के अनुसार प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए।

सर्वदलीय बैठक में बोले तिवारी

संसद के शीतकालीन सत्र के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद तिवारी ने कहा, ‘संवाददाताओं से कहा, 'विपक्षी दलों को लगता है कि अगर एसआईआर पर कोई चर्चा नहीं होती है, तो इसका मतलब है कि सरकार नहीं चाहती कि संसद चले।’ उन्होंने समयसीमा बढ़ाए जाने से स्पष्ट है कि इतने कम समय इस प्रक्रिया को पूरा किया जाना अव्यवहारिक बात है।

मोदी संसदीय चर्चा में भाग नहीं लेते

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद में चर्चा में भाग नहीं लेकर अपने उत्तरदायित्व को नहीं निभा रहे हैं। निर्वाचन आयोग ने रविवार को नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के कार्यक्रम को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया।

मसौदा मतदाता सूची अब नौ दिसंबर के स्थान पर 16 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी, जबकि अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी के स्थान पर 14 फरवरी, 2026 को जारी की जाएगी। निर्वाचन आयोग ने इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की घोषणा 27 अक्टूबर को की थी। गौरतलब है कि SIR के मुद्दे को लेकर विपक्ष सरकार और चुनाव आयोग पर हमलावर है। यही कारण है कि अब वह इस मुद्दे पर संसद में चर्चा चाह रहा है।

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