

नई दिल्ली: दिल्ली के परिवहन और स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने शनिवार को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ तेज कार्रवाई के बीच पिछले तीन दिनों में एक लाख से अधिक वाहन मालिकों ने प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है।
परिवहन से 20-25 प्रतिशत तक का प्रदूषण फैलता है
सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार, राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दीर्घकालिक और आंकड़ों पर आधारित समाधानों पर काम कर रही है। इसी के साथ उन्होंने जोर देकर कहा कि परिवहन संबंधित उत्सर्जन दिल्ली के समग्र प्रदूषण में लगभग 20-25 प्रतिशत तक का योगदान देता है। उन्होंने बताया कि तीन दिन की अवधि के दौरान एक लाख से अधिक लोगों ने पीयूसी प्रमाणपत्रों के लिए पंजीकरण कराया और केवल 19 दिसंबर को 40,000 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है।
वाहनों की निगरानी के लिए पुलिस तैनात
मंत्री ने कहा कि वाहनों की निगरानी के लिए कैमरों के साथ दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और पुलिस के अधिकारी पेट्रोल पंपों पर तैनात हैं। उन्होंने बताया कि प्रवर्तन टीमों ने 17 दिसंबर को 1,728 चालान, 18 दिसंबर को लगभग 300 और 19 दिसंबर को लगभग 700 चालान जारी किए और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, अनुपयोगी वाहनों को वापस भेजा जा रहा है।
प्रदूषण पर सरकार ठोस कार्रवाई कर रही है
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि विपक्ष प्रदूषण पर बार-बार सवाल उठा रहा है लेकिन सरकार वास्तविक आंकड़े पेश करने के साथ ठोस कार्रवाई कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कार्यकाल के दौरान, प्रदूषण नियंत्रण से जुड़ी नीतियां और उनका कार्यान्वयन सार्थक परिणाम देने में विफल रहे।
इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण एक लाख से अधिक पहुंचा
मंत्री ने कहा कि फरवरी में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण एक लाख से अधिक पहुंच गया है। उन्होंने दावा किया कि पूर्ववर्ती सरकार ने बजट में लगभग 45 करोड़ रुपये का प्रावधान होने के बावजूद इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी जारी नहीं की गई थी। सिंह ने कहा, "यदि समय पर सब्सिडी वितरित की गई होती तो दिल्ली के और भी अधिक निवासी इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाते।"