सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शुक्रवार को कुल 33 लाख रुपये के इनामी 10 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि पुलिस की ‘पूना मारगेम’ (पुनर्वास से पुनर्जीवन) पहल के तहत आज कुल 10 माओवादियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें छह महिलाएं शामिल हैं।
नक्सलियों पर कुल 33 लाख का था इनाम
आत्मसमर्पित नक्सलियों पर कुल 33 लाख रुपये का इनाम घोषित है। चव्हाण ने बताया कि इन आत्मसर्पण करने वाले नक्सलियों ने एक एके-47, दो एसएलआर राइफल, एक स्टेन गन, एक बीजीएल लांचर भी सौंपा। हथियारों को जमा करने पर कुल आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था।
इन नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से कंपनी प्लाटून कमांडर मिड़यम भीमा (30) पर आठ लाख रुपये का इनाम है। वहीं चार अन्य नक्सली गंगा कुंजाम (22), लेकाम रामा, ताती सोनी (32), और शांति सोड़ी (21) पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम है। अधिकारी ने बताया कि नक्सली माडवी नवीन (20), माडवी रुकनी (24), ओयम मांगली (22), पोडियम मांगी (20) और माडवी गंगी (19) पर एक-एक लाख रुपये का इनाम है।
माओवादी विचारधारा का अंत निकट
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा, ‘‘सुकमा में 10 माओवादी कैडरों का पुनर्वास यह दर्शाता है कि हिंसक और जनविरोधी माओवादी विचारधारा का अंत अब निकट है। लोग ‘पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन’ पहल पर भरोसा जताते हुए शांति, गरिमा और स्थायी प्रगति का मार्ग चुन रहे हैं।’’
छत्तीसगढ़ न्याय व्यवस्था के प्रति जागरूक
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन, भारत सरकार, बस्तर पुलिस, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल क्षेत्र में शांति स्थापित करने, पुनर्वास सुनिश्चित करने और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 11 महीनों में बस्तर रेंज में 1514 से अधिक नक्सलियों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा से जुड़ने का निर्णय लिया है।
माओवादी कैडर के पास हिंसा त्याग के अलावा कोई विकल्प नहीं
अधिकारी ने कहा, ‘‘शेष माओवादी कैडर जिनमें पोलितब्यूरो सदस्य देवजी, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य पाप्पा राव, देवा (बारसे देवा) तथा अन्य शामिल हैं, के पास हिंसा त्याग कर मुख्यधारा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।’’
पुलिस ने बताया कि पिछले दो सालों में छत्तीसगढ़ में बड़े नक्सली नेताओं समेत लगभग 2400 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। केंद्र सरकार ने मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है।