ग्वालियर में अज्ञात वाहन की चपेट में आने से चीता शावक की मौत

यह घटना शिवपुरी जिले की सीमा के पास घाटीगांव इलाके में आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई।
प्रतीकात्मक चित्र
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ग्वालियर: मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में रविवार तड़के राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक अज्ञात वाहन की चपेट में आने से कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) के दायरे से बाहर निकल आए एक नर चीता शावक की मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

20 महीने का शावक भटक गया था

ग्वालियर जोन के पुलिस महानिरीक्षक अरविंद सक्सेना ने फोन पर 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा कि यह घटना यहां से 35 से 40 किलोमीटर दूर शिवपुरी जिले की सीमा के पास घाटीगांव इलाके में आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई। उन्होंने कहा कि करीब 20 महीने का शावक भटक कर केएनपी से बाहर निकल गया था और अपनी मां से अलग हो गया था।

अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर

उन्होंने बताया कि एक अज्ञात वाहन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। पुलिस जांच दल के एक सदस्य ने कहा कि चीते को टक्कर मारने वाली कार के बारे में कुछ सुराग मिले हैं। सक्सेना ने कहा, "मृत शावक के साथ एक अन्य नर शावक को भी देखा गया था। इसलिए किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए हमने राजमार्ग पर यातायात और वाहनों की गति सीमित कर दी है।" उन्होंने बताया कि दोनों शावक एक ही चीते की संतान हैं।

दूसरा शावक सुरक्षित

राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुभाराजन सेन ने बताया, "दूसरा शावक सुरक्षित है। मृत शावक, गामिनी की संतान है जिसे भारत में चीतों की आबादी को बढ़ाने में मदद के लिए दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था।

अधिकारियों ने इससे पहले कहा था कि मार्च में चीता गामिनी और उसके चार शावकों (दो नर और दो मादा) को केएनपी के खजूरी वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया था। केएनपी में जंगल में छोड़े जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को भी एक चीता शावक मृत पाया गया।

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