गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को बताया कि वर्ष 2025-26 में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में विदेशी पर्यटकों की अब तक की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य के संरक्षण, संस्कृति और समुदाय-आधारित पर्यटन का परिचायक है।
हिमंता ने 'X' पर लिखा
शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “दुनिया कजीरंगा को ऐसे खोज रही है जैसे पहले कभी नहीं खोजा गया।” उन्होंने कहा “विदेशी पर्यटकों की संख्या में 127 प्रतिशत का उछाल असम के संरक्षण प्रयासों, संस्कृति और समुदाय-संचालित पर्यटन के प्रति बढ़ते वैश्विक विश्वास में बढ़ोतरी को दर्शाता है। यह दुनिया भर के वन्यजीव गंतव्यों के लिए नए मानक स्थापित कर रहा है।"
काजीरंगा यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल
असम के मुख्यमंत्री ने बताया कि यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में विदेशी पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025-26 में 27 दिसंबर तक विदेशी पर्यटकों की संख्या 6,699 तक पहुंच गई जबकि वर्ष 2022-23 में यह संख्या केवल 2,947 थी।
गैंडे के लिए प्रसिद्ध
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभ्यारण्य प्राकृतिक सुंदरता और वनस्पति तथा जीव-जंतु की विविधता से समृद्ध एक संरक्षित क्षेत्र है। इसी के साथ यह उद्यान एक सींग वाले प्रसिद्ध गैंडे का घर होने के साथ-साथ हाथियों, जंगली भैंसों और दलदली हिरणों का प्रजनन स्थल भी है। साथ ही यहां बाघों की आबादी में भी लगातार वृद्धि हो रही है।
काजीरंगा कहाँ स्तिथ है
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित एक विश्व प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और विश्व के दो-तिहाई एकसींग गैंडों का घर है, जिनकी संख्या लगभग 2,600 से अधिक है।यहाँ बाघ, हाथी, जंगली भैंसा, दलदल हिरण और हजारों पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
उद्यान का क्षेत्रफल करीब 430 वर्ग किमी है, जिसमें ऊँची घास के मैदान, दलदल और घने जंगल शामिल हैं। 2006 में इसे टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। पर्यटक यहाँ जीप सफारी और हाथी सफारी का आनंद लेते हैं। नवंबर से अप्रैल तक उद्यान खुला रहता है। काजीरंगा जैव विविधता संरक्षण का सफल उदाहरण है।