

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कोलकाता से अहमदाबाद जाने वाली अकासा एयरलाइंस की उड़ान QP 1926 में दो बहनें, माहिरा (9 वर्ष) और मान्यता (17 वर्ष), के लिए यात्रा एक बुरे सपने में बदल गई। एयरलाइन के ग्राउंड स्टाफ ने 9 वर्षीय माहिरा के लिए ‘अनअकम्पनिड माइनर फीस’ के रूप में 5,000 रुपये नकद में मांगे और कहा कि 17 वर्षीय मान्यता 18 साल से कम उम्र होने के कारण वयस्क के रूप में क्वालिफाई नहीं कर सकती। स्टाफ ने चेतावनी दी कि भुगतान न करने पर वे उड़ान नहीं पकड़ पाएंगी।
घटना का विवरणा:
दोनों बहनें अपनी मां शालिनी दुगड़ के पास अहमदाबाद लौट रही थीं। चेक-इन काउंटर पर स्टाफ ने नकद भुगतान की मांग की, जबकि उसी समय पास में चेक-इन कर रहे उनके 21 वर्षीय दो चचेरे भाइयों ने UPI से भुगतान की पेशकश की। लेकिन स्टाफ ने दावा किया कि काउंटर बंद हो चुका है और QR कोड जनरेट नहीं किया जा सकता। अंततः बच्चों ने पैसे जुटाकर नकद भुगतान किया, जिसके बाद उन्हें बोर्डिंग पास दिया गया।
अनअकम्पनिड माइनर नीति :
भारत में कुछ एयरलाइंस 5 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए विशेष सहायता सेवाओं के लिए ‘अनअकम्पनिड माइनर फीस’ लेती हैं। इसके लिए चेक-इन के समय एक ‘अनअकम्पनिड माइनर फॉर्म’ भरना होता है, जिसमें 18 वर्ष से अधिक उम्र के अभिभावक का नाम और संपर्क नंबर देना होता है, जो बच्चे को गंतव्य पर लेने आएगा। परिवार का कहना है कि इस मामले में कोई दस्तावेज या लिखित नीति नहीं दिखाई गई। अहमदाबाद हवाई अड्डे पर भी प्राप्त करने वाले अभिभावक की आईडी जांच नहीं की गई, जिससे फीस का औचित्य संदिग्ध हो गया।
परिवार का गुस्सा :
शालिनी ने कहा, “उन्हें बस इतना कहा गया कि भुगतान करो या उड़ान छूट जाएगी। कोई स्पष्टीकरण, शुल्क का ब्रेकअप या रसीद नहीं दी गई, जब तक कि मेरी बड़ी बेटी ने जोर नहीं दिया।” परिवार के अनुसार, टिकट बुकिंग के समय इस फीस की कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इससे पहले 26 अप्रैल को अहमदाबाद से बागडोगरा की उड़ान में भी कोई फीस नहीं ली गई थी। उनकी चाची पर्ल चोरडिया ने बताया कि स्टाफ ने UPI भुगतान स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिससे बच्चों को परेशानी हुई।