

नेहा, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : उड़ानों में जारी अफरातफरी अब यात्रियों के लिए आर्थिक बोझ बनती जा रही है। यात्री एयरलाइनों की इस प्रथा पर नाराज हैं जिसमें कन्फ़र्म टिकट अचानक रद्द कर दिए जाते हैं, और जब यात्री दोबारा बुकिंग करने की कोशिश करते हैं तो वही टिकट तीन से चार गुना ज्यादा कीमत पर उपलब्ध होते हैं। यात्री यह समझ नहीं पा रहे कि एयरलाइन एक अमान्य लेन-देन से भी मुनाफा कैसे कमा सकती है।
5,000 की टिकट 25,000 में! हवाई यात्रा बनी लग्ज़री या लूट
एस. एम ए सिथिक ने बताया, “पिछले दो दिनों से एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं और चेन्नई वापस नहीं जा पा रहे हैं। मेरे पास कन्फर्म टिकट था। अचानक कैंसल कर दिया गया और जब दोबारा बुक करने गई, तो कीमत आसमान छू चुकी थी। ऐसा लगा जैसे स्थिति का फायदा उठाया जा रहा है।” यात्री महिश ने भी नाराजगी जताई और कहा कि 5 तारीख को बंगलुरू से कोलकाता की उड़ान 7 घंटे इंतजार करवाने के बाद रद्द कर दी गई। उन्होंने बताया कि उनका 12,000 रुपये का नॉन-रिफंडेबल होटल बुकिंग भी बेकार हो गया, और वे इस नुकसान की भरपाई एयरलाइन से चाहते हैं।
अतिरिक्त पैसे क्यों दें, जब गलती हमारी नहीं?
सुभम सिंघानिया ने आरोप लगाया कि ट्रांजिट एरिया में फंसे यात्रियों के लिए ना उचित ठहरने की व्यवस्था की गई और न ही भोजन की। उनका कहना है कि यात्रियों को कहा गया कि वे अपने खर्चे पर खुद व्यवस्था करें।
अगरतला के शिबू कुमार दास ने भी अपनी परेशानी सुनाई। उन्होंने कहा, “मैं और मेरा बेटा शनिवार को अगरतला के लिए 13,000 रुपये में टिकट लेकर बैठे थे। फ्लाइट कैंसल कर दी गई और कहा गया कि 7–10 दिन में रिफंड मिलेगा, रिस्केड्यूलिंग का विकल्प भी नहीं दिया गया। जब अगले मंगलवार के लिए वही टिकट देखी तो कीमत 20,000 रुपये थी! और जब पूछा कि फ्लाइट चलेगी भी या नहीं, तो कहा गया कि पुष्टि नहीं है। फिर मुझे अतिरिक्त पैसा क्यों देना चाहिए?” एक अन्य यात्री ने बताया कि इमिग्रेशन और सिक्योरिटी के बीच एक कर्मचारी यात्रियों से बोर्डिंग पास छाती से लगाकर फोटो की तरह दिखाने को कहता है, जिससे यात्रियों को ऐसा महसूस होता है जैसे वे किसी "मगशॉट" (mugshot) के लिए खड़े हों।