
केडी पार्थ
कोलकाता . पश्चिम बंगाल पुलिस कल्याण समिति 26 अगस्त 2025 को पांच साल की हो जाएगी। इतने कम समय में इस समिति से पांच लाख से ज्यादा पुलिसकर्मी जुड़ चुके हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर यह समिति पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए 26 अगस्त 2020 को बनाई गई। लेकिन सीमित संसाधनों के कारण समिति कई आधुनिक सुविधाओं से वंचित है। इस संबंध में राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार को एक पत्र लिखा गया है। यह जानकारी समिति के संयोजक विजिताश्व राउत ने सन्मार्ग को दी।
विजिताश्व ने बताया कि एंबुलेंस और अन्य वाहन के संबंध में राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार को पत्र दिया गया है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी चाहती हैं कि हर पुलिस अधिकारी और उनके परिवार, सहयोगी पुलिस या रिटायर्ड पुलिस अधिकारी और उनके परिवार को इस संगठन से मदद मिले। यह संगठन उनकी कल्पना का ही आधार है। मुख्यमंत्री भी चाहती हैं कि पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस कल्याण समिति हर संभव मदद देने के लिए तत्पर रहे।
बढ़ रही पुलिसकर्मियों की उम्मीदें और आकांक्षाएं
संयोजक विजिताश्व राउत का कहना है कि पुलिसकर्मियों की राज्य कल्याण समिति से उम्मीदें और आकांक्षाएं बढ़ने लगी हैं। समिति के मेडिकल सेल इंफ्रास्ट्रक्चर को इलाज के लिहाज से और विकसित करने पर योजना बनाई जा रही है। अभी तक मेडिकल सेल के पास अपना कोई एंबुलेंस और वाहन नहीं है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से इलाज के लिए कोलकाता आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को अस्पताल पहुंचाने और जरूरत पड़ने पर हावड़ा या सियालदह स्टेशन छोड़ने को लेकर काफी परेशानी होती है। इस स्थिति में इस मेडिकल सेल के लिए अपना एंबुलेंस होना अतिआवश्यक हो गया है।
यहां ठहरने की होती है व्यवस्था
विजिताश्व ने बताया कि कोलकाता के बाहर से जब कोई पुलिसकर्मी इलाज कराने आता है तो हम उन्हें विभिन्न स्थानों पर ठहरने की व्यवस्था कराते हैं। अपना कोई भवन नहीं होने के कारण हम पुलिस एसोसिएशन के हॉल का इस्तेमाल करते हैं। वहाँ उनके रहने की व्यवस्था की जाती है। कभी-कभी हम कोलकाता पुलिस कल्याण समिति के बॉडीगार्ड लाइन कार्यालय में भी ठहरने की व्यवस्था करते हैं। पुलिस के सभी शाखा संगठन हमें सहयोग कर रहे हैं।
अपना है एक विशेष चिकित्सा प्रकोष्ठ
विजिताश्व ने बताया कि पुलिस कल्याण समिति का अपना एक विशेष चिकित्सा प्रकोष्ठ है। यह प्रकोष्ठ 365 दिन और 24 घंटे काम कर रहा है। यह प्रकोष्ठ पुलिस कर्मियों, सहयोगी पुलिस कर्मियों, सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों के इलाज के लिए काम करता है। पुलिस कर्मी और उनके परिजनों को डॉक्टर से दिखाना, उन्हें सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराना, उन्हें रहने की जगह उपलब्ध कराना, यथासंभव खून उपलब्ध कराना और अन्य चिकित्सा संबंधी सहायता इस कल्याण समिति द्वारा की जा रही है।