

कोलकाता: राज्य सरकार ने बैंकों को राज्य के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को अधिक ऋण देने के साथ-साथ सर्वश्रेष्ठ महिलाओं का चयन कर विशेष ऋण देने का प्रस्ताव दिया है। सोमवार को एसएलबीसी यानी राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री के वित्त सलाहकार डॉ. अमित मित्रा, वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, वित्त सचिव प्रभात मिश्रा समेत अन्य अधिकारियों ने सरकार का प्रतिनिधित्व किया। सूत्रों के मुताबिक यह प्रस्ताव राज्य की ओर से दिया गया है। चूंकि राज्य में स्वयं सहायता समूह अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, इसलिए उन्हें अधिक ऋण दिया जाना चाहिए। क्योंकि, एक ओर जहां समूह काम का दायरा बढ़ाना चाहते हैं, वहीं वे बैंक द्वारा तय की गई अवधि के भीतर ऋण का भुगतान भी कर रहे हैं। दूसरे शब्दों में, यदि आप उन्हें अधिक ऋण देंगे तो अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे जिसका असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। सूत्रों के मुताबिक बैंकों ने राज्य के इस प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन दिया है। बैंकों को ऋण प्रदान करते समय, राज्य ने पिछले कुछ वर्षों में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। महिलाओं के लिए 'जागो योजना' के माध्यम से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बिना शर्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस साल राज्य के बजट में इस मद में 798.57 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। राज्य ने महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उन्हें अधिक ऋण वितरित करने के लिए एसएलबीसी को ऋण राशि बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य ने स्वयं सहायता समूहों में काम करने वाली सर्वश्रेष्ठ महिलाओं को 10 लाख रुपये का ऋण देने का प्रस्ताव दिया है। साथ ही राज्य ने एसएलबीसी में मौजूद बैंकों के प्रमुखों से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड यानी छात्रों के लिए आसान ऋण के लिए भी अनुरोध किया है।