

कोलकाता: राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के बकाया महंगाई भत्ते (डीए) का भुगतान सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार राज्य को अपने कर्मचारियों का 25 प्रतिशत बकाया डीए छह सप्ताह के भीतर चुकाना होगा। इस आदेश के मद्देनजर अब राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए डीए भुगतान प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए एक नयी प्रणाली तैयार करने का निर्णय लिया है।
नयी तकनीक और पद्धति का होगा इस्तेमाल
सरकारी सूत्रों के अनुसार, एक निजी एजेंसी को यह तकनीकी प्रणाली विकसित करने की जिम्मेदारी दी जा रही है। इस नयी प्रणाली के तहत प्रत्येक कर्मचारी को राज्य के एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) पोर्टल पर जाकर वर्ष 2009 से 2019 के बीच की अपनी सेवा अवधि की जानकारी देनी होगी। इसके अलावा, इस समयावधि में सेवानिवृत्त हुए कर्मियों को भी अपनी जानकारी ऑनलाइन भरनी होगी। इससे यह पता चल सकेगा कि किस अधिकारी या कर्मचारी का कितना डीए बकाया है।
सभी विभागों और संस्थाओं को निर्देश
नयी तकनीक के माध्यम से नवान्न सभी विभागों, राज्य द्वारा स्वीकृत और पोषित स्वायत्त संस्थाओं, स्कूल-कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को निर्देश भेजेगा कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों का डेटा समय रहते अपलोड करें। यह डेटा तैयार होते ही वित्त विभाग सुप्रीम कोर्ट को चार सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप सकेगा, जैसा कि आदेश में निर्देशित किया गया है। वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, इस प्रणाली से हमें न सिर्फ यह पता चलेगा कि कितने कर्मचारियों का कितना डीए बकाया है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट को समय पर रिपोर्ट देने में भी सुविधा होगी।