

रामबालक, सन्मार्ग संवाददाता
दक्षिण 24 परगना : जिले में जल आपूर्ति व्यवस्था और आधारभूत संरचना की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए जिला शासक अरविंद कुमार मीना की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में पीएचई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ जीबीडीए के चेयरमैन श्रीमंत माली, जिला परिषद की सभाधिपति नीलिमा मिस्त्री विशाल और अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में जिले के विभिन्न प्रखंडों में पेयजल आपूर्ति, पाइपलाइन विस्तार, पुराने जल स्रोतों के पुनर्निर्माण तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की गई। अधिकारियों ने क्षेत्रवार रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि किन स्थानों पर जलापूर्ति व्यवस्था अत्यंत खराब है और कहाँ तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। दक्षिण 24 परगना जिला परिषद की जन स्वास्थ्य व परिवेश स्थायी समिति की कर्माध्यक्ष शिखा राय ने बैठक में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा लगभग 5 हजार करोड़ रुपये की फंडिंग रोक दी गई है, जिसके कारण जिले में चल रही कई महत्वपूर्ण जल परियोजनाएँ बाधित हो गई हैं। उनके अनुसार, इस फंड के उपलब्ध न होने से ग्रामीण क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने, नए जल स्रोतों के निर्माण और फिल्टर प्लांटों के उन्नयन जैसे कार्य पूरी तरह ठप पड़ गए हैं। उन्होंने बताया कि कई गाँवों में लंबे समय से पानी की समस्या बनी हुई है, और जल जीवन मिशन के अंतर्गत शुरू की गई योजनाएँ फंड की कमी के चलते अधर में लटकी हुई हैं। इससे आम लोगों को पीने के पानी के लिए रोजाना परेशान होना पड़ रहा है। फिर भी जिले के कुछ क्षेत्रों में कार्य जारी है। शिखा राय ने जानकारी दी कि बजबज के डोंगारिया इलाके में जल जीवन मिशन के तहत परियोजनाएँ तेजी से आगे बढ़ रही हैं। यहाँ पाइपलाइन बिछाने का कार्य लगभग अंतिम चरण में है और जल्द ही स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद है। जिला शासक ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जाए और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में कार्यों को जारी रखा जाए। साथ ही फंडिंग बहाल कराने के लिए राज्य स्तर पर लगातार पहल करने का आश्वासन भी दिया।