

मिदनापुर : पश्चिम मिदनापुर जिले के तृतीय अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने एक दामाद को अपने ससुराल वालों को जलाकर मार डालने के आरोप में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। केशपुर थाना क्षेत्र में हुई इस नृशंस घटना में न्यायाधीश कुसुमिका डे मित्रा ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। परिवार के सदस्य इस बात से खुश हैं कि घटना के करीब 12 साल बाद दोषी दामाद को सजा सुनाई गई है। दोषी व्यक्ति का नाम ताहिर अली है। वह दासपुर थाना के अंतर्गत आने वाले बालीपोता गांव का रहने वाला है। अदालती सूत्रों से जानकारी मिली कि पश्चिम मिदनापुर जिले के दासपुर के बालीपोता गांव के रहने वाले ताहिर अली का विवाह केशपुर इलाके में रहने वाली मीनारा बीबी के साथ हुआ था। पता चला है कि दोषी ताहिर अली अपनी पत्नी मीनारा बीबी को प्रताड़ित करता था। साथ ही वह अपनी शाली से शादी करना चाहता था लेकिन ससुराल वाले राजी नहीं हुए। आरोप लगाया गया था कि उसके बाद 30 अपै्रल 2013 की रात को तकरीबन साढ़े ग्याहर बजे के समय ताहिर अली केशपुर के बाधगेड़िया गांव में स्थित अपने ससुराल गया और अपने ससुराल के घर को बाहर बंद कर आग लगा दी थी। उस घटना में ताहिर के ससुराल पक्ष के छह सदस्यों की मौत हो गई थी और 5 सदस्य घायल हो गये थे। घटना के एक साल बाद ताहिर को केशपुर पुलिस ने मिदनापुर रेलवे स्टेशन परिसर से गिरफ्तार किया था तब से ताहिर जेल में है। वहीं, इस घटना में कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अदालत ने ताहिर को छोड़कर बाकी को बरी करने का आदेश दिया था। सरकारी वकील राजकुमार दास ने बताया कि न्यायाधीश ने ताहिर अली को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा का आदेश दिया है। ताहिर अली के ससुराल पक्ष की सदस्य मुस्कान खातून ने कहा कि वह अदालत के फैसले से खुश हैं लेकिन मुझे अधिक खुशी होती अगर उसे मौत की सजा दी जाती।