

कोलकाता : हाल के दिनों में कुछ लोगों द्वारा विरोध के नाम पर ट्रेनों के संचालन में बाधा डालने की घटनाएं सामने आई हैं, जिसे रेलवे ने गंभीरता से लिया है और अब इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। खासकर सियालदह डिविजन जैसे व्यस्त क्षेत्र में जहां रोजाना 15 से 18 लाख यात्री रेल सेवाओं का उपयोग करते हैं। इस तरह की गतिविधियां जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित करती हैं। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि "रेल रोको" जैसे आंदोलन न केवल अवैध हैं बल्कि लाखों यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए भी गंभीर खतरा हैं। रेलवे अधिनियम 1989 के तहत ऐसी गतिविधियों के लिए धारा 174 के अंतर्गत दो साल तक की जेल या 2000 रुपये तक जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसके अलावा धारा 153 और 154 के तहत भी कड़ी सजा का प्रावधान है, जिसमें पांच साल तक की कैद हो सकती है। रेलवे ने लोगों से अपील की है कि वे रेल सेवाओं को बाधित करने वाली किसी भी गतिविधि से दूर रहें और कोलकाता तथा उपनगरीय क्षेत्रों की इस जीवन रेखा को सुचारु रूप से संचालित रखने में सहयोग करें। भविष्य में यदि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होती है तो रेलवे प्रशासन सख्त कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य होगा।