
कोलकाता: राज्य के कई जिलों में आयी भीषण बाढ़ के लिए राज्य सरकार ने दामोदर वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। राज्य के सिंचाई मंत्री मानस रंजन भुइयां ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए डीवीसी पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। मंत्री के अनुसार, डीवीसी ने पूर्व सहमति और जल प्रबंधन समझौते का उल्लंघन करते हुए तेनुघाट, मैथन और दुर्गापुर बैराज से करीब 71,000 क्यूसेक पानी बिना राज्य सरकार को सूचित किए छोड़ दिया। इसके चलते पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली, बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। यहां तक कि घाटाल, आरामबाग, गंगाजलघाटी और उदयनारायणपुर जैसे इलाके जलमग्न हो गए हैं जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।
जान-माल के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
मंत्री भुइयां ने कहा, यह एक बेहद गैर-जिम्मेदाराना और संवेदनहीन कदम है। बाढ़ से लोगों के जीवन और फसल दोनों खतरे में हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद स्थिति पर नजर रख रही हैं और प्रभावित लोगों के लिए राहत व पुनर्वास की व्यवस्था की जा रही है। राज्य सरकार की ओर से राहत शिविर, पीने का पानी, दवाइयाँ और अस्थायी आवास की व्यवस्था युद्धस्तर पर की जा रही है। हेलिकॉप्टर और नावों की मदद से राहत सामग्री बाढ़ग्रस्त इलाकों में पहुंचाई जा रही है। डीवीसी के इस रवैये के खिलाफ राज्य सरकार ने एक आपत्ति-पत्र डीवीआरआरसी सचिव को भेजा है। मंत्री ने यह भी कहा, जनता की जान-माल के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने विधानसभा में विपक्ष की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। मंत्री ने कहा, जब राज्य आपदा से जूझ रहा है, तब विपक्ष का मौन चिंताजनक है। इस बीच मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे हालात और खराब हो सकते हैं। सभी जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन इकाइयों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।