शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी ने 8.20 करोड़ रुपये की संपत्तियां की जब्त, इनके नाम हैं इसमें शामिल

शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी ने 8.20 करोड़ रुपये की संपत्तियां की जब्त, इनके नाम हैं इसमें शामिल
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सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ईडी, कोलकाता ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित वाणिज्यिक संपत्तियां, और पश्चिम बंगाल के मालदह में स्थित भूमि के टुकड़े और एक इमारत, कुल मिलाकर 8.20 करोड़ रुपये की संपत्तियों को असिस्टेंट टीचर भर्ती घोटाले के सिलसिले में अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। ये संपत्तियां एनडी इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर थीं, जो कि नीलाद्री दास और उनके परिवार के सदस्य तथा अब्दुल खालिक और उनके परिवार के सदस्य के द्वारा संचालित एवं नियंत्रित एक कंपनी है।
सीबीआई ने दो एफआईआर दर्ज की थीं
इस मामले की जांच तब शुरू की गई थी जब सीबीआई ने दो एफआईआर दर्ज की थीं, जिनमें भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई। यह घोटाला कथित तौर पर असिस्टेंट टीचर (कक्षा 9 से 12) की नियुक्ति के संबंध में हुआ, जिसमें अवांछनीय, निचले दर्जे के और बिना सूचीबद्ध उम्मीदवारों को नियुक्ति देने का आरोप था। इसके चलते योग्य और वास्तविक उम्मीदवारों को नियुक्ति से वंचित किया गया। आरोप है कि यह सब साजिश के तहत और नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया।
अयोग्य उम्मीदवारों से भारी रकम वसूली
ईडी की जांच में यह सामने आया कि नीलाद्री दास, जो उस समय नाइसा कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष थे, ने डब्ल्यूबीसीएसएससी के अधिकारियों के साथ साजिश रचते हुए कक्षा 9-10 और कक्षा 11-12 के उम्मीदवारों के ओएमआर शीट में धांधली की और एस पी सिन्हा समेत अन्य लोगों के साथ मिलकर अवैध नियुक्तियां देने के बदले में अयोग्य उम्मीदवारों से भारी रकम वसूली।
अब तक 238.6 करोड़ रुपये की संपत्तियां है जब्त
इससे पहले ईडी ने इस मामले में 230.6 करोड़ रुपये की संपत्तियों को भी जब्त किया था। ईडी ने प्रसन्न कुमार रॉय (जो इस मामले में मुख्य बिचौलिया थे) और शांति प्रसाद सिन्हा (जो डब्ल्यूबीसीएसएससी पूर्व सलाहकार थे) को गिरफ्तार कर लिया था, और दोनों वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। अब तक इस मामले में कुल 238.8 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं।

: नेहा सिंह

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