लोगों को जागरूक होना जरूरी, हर घर पर नजरदारी मुश्किल : एडीजी साउथ बंगाल

मकान मालिक चंद्रकांत बानिक और उसके भाई के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज
संवाददाताओं को संबोधित करते एडीजी साउथ बंगाल सुप्रतिम सरकार और डीआईजी प्रेसीडेंसी रेंज आकाश मेघारिया
संवाददाताओं को संबोधित करते एडीजी साउथ बंगाल सुप्रतिम सरकार और डीआईजी प्रेसीडेंसी रेंज आकाश मेघारिया
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कोलकाता : ढोलाहाट थानांतर्गत दक्षिण रायपुर गांव में हुए विस्फोट के लिए पुलिस ने परिवार के लोगों में जागरुकता की कमी को जिम्मेदार ठहराया। भवानी भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि अगर घर में ज्वलनशील पदार्थ रखे हों, खाना बनाया जाता हो और गैस चालू हो तो ऐसी घटनाएं होंगी। ऐसी घटनाएं जागरुकता के पूर्ण अभाव के कारण होती हैं। एडीजी साउथ बंगाल सुप्रतिम सरकार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पुलिस के लिए हर घर पर नजरदारी करना मुश्किल है। इसके लिए आम जनता को अधिक जागरूक होने की जरूरत है। एडीजी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने कहा कि पुलिस और प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे कि ऐसी घटना दोबारा न हो। एडीजी ने कहा, ‘यह ध्यान में रखना चाहिए कि पटाखे के व्यापार में कई लोगों की जिंदगी जुड़ी हुई है। इसका इस्तेमाल रोजी-रोटी के लिए होता है लेकिन कहीं न कहीं जागरुकता की कमी है। अगर आप अपने घर में पेट्रोल रखते हैं, वहां खाना बनाते हैं, ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल करते हैं, तो पुलिस को इसकी जानकारी होना संभव नहीं है। पुलिस के लिए हर समय उन लोगों पर नजर रखना संभव नहीं है. अपने घर में ज्वलनशील पदार्थ रखना और गैस सिलिंडर जलाना, यह जागरुकता की कमी है। कुछ लोगों की गैरजिम्मेदारी के कारण इतनी जानें चली गई हैं।

जनबहुल इलाके के बाहर पटाखे के भंडारण को लेकर पुलिस करेगी बैठक

एडीजी साउथ बंगाल ने कहा कि प्रशासन जल्द ही पटाखा निर्माता कंपनियों के साथ बैठक करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इलाके में पटाखों का भंडारण न किया जाए। पुलिस ने बताया कि चंद्रकांत बानिक को 2022 में गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से 68.5 किलोग्राम पटाखे जब्त किए गए थे। इस बात की जांच की जा रही है कि क्या उसके खिलाफ कोई अन्य रिकॉर्ड भी है।

10 सालों से पटाखा कारखाना चला रहा था बानिक

एडीजी ने बताया कि चंद्रकांत बानिक और तुषार बानिक के खिलाफ विशेष धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच शुरू हो गई है। भारतीय दंड संहिता की धारा 287, 288 (ज्वलनशील पदार्थ का लापरवाही से उपयोग जिससे मृत्यु हो सकती है), धारा 105, 110 (हत्या का प्रयास), 125 और 61 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम 950, 24, 25 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह पटाखा फैक्ट्री दस सालों से चल रही थी। उन्होंने बताया कि दोनों चंद्रकांत और तुषार की तलाश की जा रही है। मंगलवार को फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने घटनास्थल का दौरा किया। घटनास्थल से नमूना संग्रह किया गया। फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही विस्फोट के असली कारणों का पता चल सकेगा।

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