TIS में होमकमिंग का जादू

द इंडिया स्टोरी : जड़ों से जुड़ा एक उत्सव
मधु नेवटिया
मधु नेवटिया
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : दिसंबर की ठंडी धूप, कलकत्ता की अपनी खास रौनक और रचनात्मक ऊर्जा के बीच द इंडिया स्टोरी एक बार फिर घर लौट आई है। इस साल की थीम ‘Homecoming’ के पीछे की भावना, कला और संस्कृति के प्रति प्रतिबद्धता, और TIS के बदलते लेकिन जड़ों से जुड़े सफर पर बात करते हुए द इंडिया स्टोरी की फाउंडर और नेवटिया आर्ट्स ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी मधु नेवटिया ने सन्मार्ग से एक विशेष बातचीत में अपने विचार साझा किए। नेवटिया आर्ट्स ट्रस्ट द्वारा प्रस्तुत द इंडिया स्टोरी आज केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि कला, फैशन, शिल्प और समुदाय का ऐसा मंच बन चुकी है, जहां हर दिसंबर घर लौटने जैसा एहसास देता है और यही भावना इस वर्ष के संस्करण की आत्मा है।

‘होमकमिंग’ एक गर्मजोशी भरे प्रेम–पत्र जैसा लगता है। यह घर लौटने जैसा है - एक गर्म आलिंगन में, परिचित नजारों और खुशबुओं के बीच। जैसे घर हमेशा आपका अपना होता है, वैसे ही TIS पूरी तरह कलकत्ता है - बेझिझक, बेबाक, और पूरी तरह आप जैसा। यह साल का वह समय है जब दुनिया भर में परिवार साथ आते हैं। क्रिसमस की गर्माहट का स्वागत करते हुए यहां, अपने घर पर, हम सब साथ मिलकर इस मौसम का जश्न मनाने का इंतजार करते हैं। इसलिए हमारे लिए होमकमिंग का असली मतलब है - एक बार फिर दिसंबर में TIS में लौट आना।

थीम को लेकर मधु नेवटिया से बातचीत के प्रमुख अंश

आर्ट एग्जीबिट को फिर से शुरू करने के बारे में बताइए …

आर्ट का द इंडिया स्टोरी में हमेशा एक खास स्थान रहा है। आर्ट एग्जीबिट शायद हमारे सबसे महत्वाकांक्षी प्रयासों में से एक था जब हमने इसे पहली बार शुरू किया था। हम इसे आगे बढ़ाना चाहते थे, लेकिन कोविड के वर्षों में यह पीछे रह गया। इस साल उस ऊर्जा को फिर से जगा पाना मुझे बेहद खुशी दे रहा है। देश भर से जो विविध और विशाल कृतियां हमारे पास पहुंची हैं, उन्हें देखकर मैं अभिभूत हूं, ‘होमकमिंग’ जैसे अपने आप में भविष्यवाणी-सी लगने लगी है।

द होमग्रोन एडिट की खास बातें क्या हैं?

द होमग्रोन एडिट इस साल हमारा एक प्रयोग है। यह लगभग TIS की पूरी झलक है - थोड़ा फैशन और लाइफस्टाइल, थोड़ा खाना, किसानों जैसा अनुभव, उत्पाद, शिल्प और कारीगर, वेलनेस और साथ में संगीत भी। क्रिसमस एक जादुई समय होता है, इसलिए हम कुछ ऐसा चाहते थे जो इस मौसम की भावना को सेलिब्रेट करे। KIWC द्वारा क्यूरेट किया गया क्रिसमस मार्केट, जो द होमग्रोन एडिट के आंगन में होगा, बेहद आकर्षक होने वाला है।

यह राजकुटीर के आंगन में कल 19 दिसंबर से तीनों दिन सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक चलेगा। मुझे उम्मीद है लोग इस नए स्पेस को एक्सप्लोर करने का आनंद लेंगे।

संजय गर्ग का शो वाकई बहुत खास होगा, है न?

हां, बिल्कुल। संजय ने काफी समय से शो नहीं किया था और TIS में वापसी करना हमारे लिए बड़े सम्मान की बात है - खासतौर पर इसलिए क्योंकि यहीं से हमने दस साल पहले शुरुआत की थी। यह एक खूबसूरत पड़ाव है और उन दोस्तों के साथ इसे मनाना, जो शुरू से इस यात्रा का हिस्सा रहे हैं, बेहद खास है। संजय और मेरा रिश्ता बहुत पुराना है। भारतीय शिल्प और बुनाई के प्रति मेरा प्रेम मुझे Raw Mango और संजय के काम तक ले गया। इसलिए द इंडिया स्टोरी का पहला शो उनके साथ करना स्वाभाविक था। दस साल में हमने बहुत कुछ सीखा है और अब उसी जगह लौटना जहां से सब शुरू हुआ था।

इस साल TIS की अन्य प्रमुख झलकियां क्या हैं?

हमने इस बार फार्मर्स मार्केट को बढ़ाकर द होमग्रोन एडिट बनाया है। यह TIS का एक संपूर्ण कैप्सूल है—फैशन, लाइफस्टाइल, ताजा और गरम खाना, उत्पाद, कारीगर, वेलनेस और संगीत। हम द इंडिया स्टोरी – आर्ट एग्जीबिट को भी फिर से लेकर आए हैं, ताकि युवा और उभरते कलाकारों के शानदार काम को सामने लाया जा सके, जो हमें अनकहे तरीकों से प्रेरित करते हैं।

pointers

थीम : Homecoming — घर लौटने, अपनापन और यादों का उत्सव

संस्थापक दृष्टि : मधु नेवटिया की कला, शिल्प और संस्कृति के प्रति प्रतिबद्धता

आयोजक : नेवटिया आर्ट्स ट्रस्ट द्वारा प्रस्तुत द इंडिया स्टोरी

आर्ट एग्जिबिट की वापसी : महामारी के बाद युवा और उभरते कलाकारों के कार्यों के साथ पुनरागमन

द होमग्रोन एडिट : फैशन, लाइफ़स्टाइल, फूड, कारीगर, वेलनेस और संगीत का समावेश

क्रिसमस स्पेशल : KIWC द्वारा क्यूरेट किया गया क्रिसमस मार्केट

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