नाश्ते के लिए जेब करनी होगी ढीली, बढ़ेंगी ब्रेड की कीमतें

नाश्ते के लिए जेब करनी होगी ढीली, बढ़ेंगी ब्रेड की कीमतें
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कोलकाता : महानगर में ब्रेड के दाम बढ़ाने को लेकर यूनियनों में आपसी सहमति तो नहीं हुई बल्कि रार जरूर पैदा हो गयी है। दरअसल, एक यूनियन कल यानी शनिवार से ब्रेड के दाम बढ़ाने जा रहा है तो वहीं दूसरे यूनियन का कहना है कि फिलहाल वे कीमतें बढ़ाने के मूड में नहीं हैं। बताया गया कि कल यानी शनिवार से ब्रेड के दाम 4 रु. प्रति पाउंड की दर से बढ़ सकते हैं।
दाम बढ़ाने के यह बताये गये कारण
ब्रेड की कीमतें बढ़ाने वाली यूनियन ज्वाइंट एक्शन कमेटी ऑफ द वेस्ट बंगाल बेकर्स एसोसिएशन की ओर से बताया गया कि पश्चिम बंगाल के अलावा भारत के सभी राज्यों में ब्रेड के दाम अधिक हैं। बेकरी उद्योग को बचाने के लिए कीमतों में वृद्धि आवश्यक है। इसके अलावा कहा गया कि ब्रेड बनाने के लिए जिन कच्चे माल की आवश्यकता होती है, उनकी कीमतों में वृ​द्धि होने के कारण ब्रेड की कीमतें बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
'हम नहीं हैं दाम बढ़ाने के पक्ष में'
वेस्ट बंगाल बेकर्स एसोसिएशन की ओर से चीफ एग्जिक्यूटिव अरिफुल इस्लाम ने बताया कि लगभग 1,000 बेकरी मालिक हमारे सदस्य हैं। हम दाम बढ़ाने के मूड में नहीं हैं। गत 1 दिसम्बर को हमारी वार्षिक बेकर्स मीट हुई थी जिसमें हमने इसकी घोषणा भी कर दी थी। इसके अलावा हमने गत 40 वर्षों में कभी भी क्रिसमस अथवा नये साल के फेस्टिव सीजन में कीमतें नहीं बढ़ायी हैं क्योंकि इस समय लोग केक खाना पसंद करते हैं। हमने कच्चे माल की कीमतों को लेकर अनुमानित कीमतों का आंकलन भी तैयार किया है। अचानक ब्रेड के दाम 4 रुपये बढ़ाये जाने पर लोगों को परेशान होगी। हमें पता चला है कि कुछ बेकरी मालिक एमआरपी 36 रु. और आउटस्टेशन पर एमआरपी 38 रु. प्रिंट कर लोगों को धोखा दे रहे हैं जबकि ब्रेड की कीमतें 32 रु. हैं। उन्होंने कहा कि फरवरी या मार्च में जब नया गेहूं आता है तो उसके बाद हम चर्चा कर कीमतें बढ़ाने को लेकर कोई निर्णय लेंगे।

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