बंगाल सिलीकॉन वैली : 19 कंपनियों ने शुरू किया कंस्ट्रक्शन, सितम्बर तक ग्लोबल फाउण्ड्री में चालू हो सकता है ऑपरेशन

250 एकड़ जमीन दी है राज्य सरकार ने 4 कंपनियों ने चालू कर दिया है ऑपरेशन दीघा में रिलायंस बना रहा केबल लाइनिंग स्टेशन
बंगाल सिलीकॉन वैली : 19 कंपनियों ने शुरू किया कंस्ट्रक्शन, सितम्बर तक ग्लोबल फाउण्ड्री में चालू हो सकता है ऑपरेशन
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में बन रहा बंगाल सिलीकॉन वैली एक टेक्नोलॉजी हब है जिसमें विभिन्न टेक पार्क, बिल्डिंग, प्रोजेक्ट्स बनाये जा रहे हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियों ने यहां जमीनें ली हैं जिसमें आईटी, डेटा सेंटर, ई-कॉमर्स, आरएण्डी, टेलिकॉम आदि सेक्टर में काम होगा। इस टेक हब के बन जाने के बाद 1 लाख सीधे रोजगार मिलने की उम्मीद है। बंगाल सिलीकॉन वैली का गठन वर्ष 2018 में टेक्नोलॉजी सर्विस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। बंगाल सिलीकॉन वैली में लगभग 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, कुल 41 कंपनियों को यहां जमीन आवंटित की गयी है। बंगाल सिलीकॉन वैली के लिए कुल 250 एकड़ जमीन आवंटित की गयी है।

दुर्गा पूजा से पहले ग्लोबल फाउण्ड्री के संचालन की उम्मीद

सेमिकंडक्टर बनाने में 4 अलग-अलग चरण हैं। सबसे पहले यहां आरएण्डी (रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट) का काम होगा, इसके बाद यहां पैकेजिंग का काम किया जायेगा। उम्मीद है कि अगले 3 महीने में ऑपरेशन चालू हो सकता है। केंद्र सरकार की एसटीपीआई (साॅफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया) में ग्लोबल फाउण्ड्री का निर्माण कार्य हो रहा है। 20,000 स्क्वायर फीट पर इसका निर्माण किया जा रहा है। दुर्गा पूजा से पहले संचालन चालू होने की उम्मीद है।

बंगाल सिलीकॉन वैली में कुछ कंपनियों का मौजूदा स्टेटस

अडाणी : 50 एकड़ जमीन आवंटित की गयी है। निर्माण कार्य शुरू होना बाकी है।

रिलायंस जियो : 40 एकड़ जमीन आवंटित। निर्माण कार्य चालू किया जा चुका है।

टीसीएस : 20 एकड़ जमीन आवंटित। निर्माण कार्य चालू किया जा चुका है।

एलटीआई माइंडट्री : 21 एकड़ जमीन आवंटित। निर्माण कार्य चालू किया जा चुका है।

कॉग्निजेंट : 25 एकड़ जमीन आवंटित।

टेक महिन्द्रा : 4 एकड़ जमीन आवंटित।

कैपजेमिनी : 7 एकड़ जमीन आवंटित।

ब्रेन ड्रेन कम होगा व रोजगार बढ़ेगा

आईटी मंत्री बाबुल सुप्रियो ने सन्मार्ग से कहा, ‘पहले आईटी में मांग नहीं थी, इस कारण कंपनी भी नहीं थी। अब काफी बड़ी कंपनियां बंगाल में आ रही हैं, आईटी उद्योग में काफी विस्तार हुआ है। ये कंपनियां बन गयीं तो इसके बाद पश्चिम बंगाल के लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके माध्यम से ही ब्रेन ड्रेन भी थमेगा। स्थानीय रोजगार बढ़ने के साथ ही जिस तरह आईटी व तकनीकी से जुड़े लोग दूसरे राज्यों में चले जा रहे हैं, वे ऐसा नहीं करेंगे।

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