

कोलकाता : देश के प्रमुख कृषि उत्पादक राज्यों में होने के बावजूद बंगाल को वैश्विक पहचान नहीं मिल पाई, लेकिन अब पश्चिम बंगाल कृषि विकास के अगले चरण के लिए पूरी तरह तैयार है। राईसविला ने केवल बंगाल में होने वाले गोबिंदोभोग चावल का 650 किलो का बैग बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, जिससे इसे वैश्विक पहचान मिली। तकनीक के सही उपयोग, सही प्रचार और निजी-सार्वजनिक भागीदारी से बंगाल कृषि में अलग पहचान बना सकता है। यह निष्कर्ष है राईसविला उत्सव के 10वें संस्करण का।
इस समारोह में बड़े देशभर से राईसविला वितरक व सहयोगी शामिल हुए। राईसविला के सीईओ सूरज अग्रवाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल के पास संसाधन भी हैं और विरासत भी। अब किसान से बाजार तक कनेक्टिविटी, वैल्यू एडिशन व फूड प्रोसेसिंग, जीआई टैग, ब्रांडिंग, तकनीक और निर्यात के लिए तैयार इकोसिस्टम से वैश्विक स्तर पर उड़ान भरने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि गोबिन्दोभोग की कहानी ने प्रमाणित किया है कि सही ब्रांडिंग से बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है। इस आयोजन का उद्देश्य भी देश के कृषि क्षेत्र में विकास, दृश्यता और सहयोग को बढ़ावा देना था, जिसमें पश्चिम बंगाल की कृषि पर विशेष फोकस रखा गया।
भारत तेजी से वैश्विक कृषि निर्यात व फूड प्रोसेसिंग हब के रूप में उभर रहा है, बंगाल प्रोसेसिंग इंफ्रा, निर्यात के नए अवसरों, MSME की बढ़ती भागीदारी व नए निवेश से नई पहचान बना रहा है। अब यह राईसविला के लिए ही नहीं, बंगाल के लिए भी नई उड़ान का समय है। समारोह में सहयोगियों को कई तरह के अवार्ड दिए गए।