

मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार तड़के हुए भीषण हादसे में बुरी तरह जले मानव अवशेषों की जांच शुरू होने के बाद इस घटना में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
हादसे में जान गंवाने वाले 13 लोगों में से अब तक सिर्फ पांच की ही पहचान हो पाई है। कई शव इतने जल गए थे कि उनकी तत्काल पहचान करना लगभग नामुमकिन था। इस काम के लिए डीएनए जांच की जा रही है।
पोस्टमॉर्टम करने वाले चिकित्सकों की एक समिति के अनुसार पुलिस मुर्दाघर में 10 मृतकों के सिर, दो अन्य के धड़ और एक लगभग साबुत शव लेकर आयी थी, जबकि बाकी बैग में सिर्फ छोटे, बुरी तरह जले हुए अवशेष थे। अधिकारियों ने बताया कि सभी अवशेषों का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है और रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
पोस्टमॉर्टम हाउस के प्रभारी और उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गोपाल गर्ग ने बताया कि सभी इंसानी अवशेषों के नमूने इकट्ठा करके आगरा की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में DNA परीक्षण के लिए भेजे गए हैं ताकि दावेदारों द्वारा दिए गए नमूनों से मिलान करके शवों की पहचान की जा सके।
उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल ने आधिकारिक तौर पर हादसे में 13 यात्रियों की मौत की पुष्टि की है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि अवशेषों की हालत को देखते हुए आशंका है कि डीएनए जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी गर्ग ने कहा, सभी अवशेषों की DNA जांच होने के बाद ही यह पता चल पाएगा कि वे कितने लोगों के हैं। परिवार के सदस्यों के सैंपल से मिलान के बाद पहचान की पुष्टि की जाएगी।
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी मदन शर्मा ने बताया कि हादसे में शामिल आजमगढ़ जाने वाली बस के चालकों में से एक सुनील कुमार (45) अब भी लापता है। हादसे के समय वह बस चला रहा था। उसके साथ यात्रा कर रहा दूसरा चालक और परिचालक घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन उन्हें घटना के बारे में कुछ याद नहीं है।
शर्मा ने कहा, उन्होंने हमें बताया कि टक्कर के तुरंत बाद वे बेहोश हो गए थे और अस्पताल में भर्ती होने के बाद ही उन्हें होश आया। वे यह नहीं बता पा रहे हैं कि सुनील कुमार का क्या हुआ। क्या वह घायल हुआ या हादसे में उसकी मौत हो गई। जले हुए अवशेषों की जांच के बाद ही इस बारे में कुछ पता लग सकेगा।
इसी तरह हमीरपुर जिले की राठ तहसील की रहने वाली पार्वती (42) भी लापता हैं। अधिकारियों ने बताया कि पार्वती के देवर गुलजारी लाल देर शाम तक अस्पतालों और मुर्दाघरों में उनकी तलाश करते रहे, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल पाई।