

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीने में पतियों की हत्या करने और रिश्तों को ताक पर रखने के अनेक मामले सामने आए हैं और विशेषज्ञों का मानना है कि यह संबंधों को समझने में ‘अंतनिर्हित बदलाव’ के कारण हो रहा है। हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में महिलाओं के विवाहेतर संबंधों के कारण पति की हत्या, प्रेमी के साथ घर बसाने के लिए जानबूझकर तलाक और घर से भाग जाने की घटनाएं सामने आई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह चलन लोगों के रिश्तों को समझने और उन्हें आगे बढ़ाने के तरीके में 'अंतर्निहित बदलाव' बताता है। मार्च के महीने में मेरठ में एक सनसनीखेज वारदात में मुस्कान रस्तोगी नामक महिला ने अपने प्रेमी साहिल की मदद से अपने पति सौरभ राजपूत की हत्या करके उसके शव के टुकड़े कर दिए और उन्हें एक ड्रम में भरकर छुट्टियां मनाने चली गई।
मर्चेंट नेवी में अधिकारी रहे सौरभ राजपूत अपनी पत्नी मुस्कान का जन्मदिन मनाने के लिए लंदन से आए थे। पुलिस के अनुसार, राजपूत को नशीला पदार्थ दिया गया, चाकू मारा गया, उनके शरीर के टुकड़े किये गये और एक ड्रम में डालकर ड्रम को सीमेंट से भर कर बंद कर दिया गया।
मेरठ में ही 27 वर्षीय रविता ने अपने 19 वर्षीय प्रेमी अमरदीप की मदद से अपने पति अमित कश्यप की गला घोंटकर हत्या कर दी। दोनों ने स्वाभाविक मौत बताने के लिए उसके शव के पास एक जहरीला सांप रख दिया। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सच्चाई का पता लग गया।
बिजनौर में हुई एक घटना में शिवानी नाम की एक महिला ने दावा किया था कि उसके पति को दिल का दौरा पड़ा। लेकिन पोस्टमार्टम में पता चला कि उसके पति का गला घोंटा गया था।औरैया में एक शादी सिर्फ 15 दिन चली और फिर महिला, उसके प्रेमी और एक व्यक्ति ने पति दिलीप यादव की हत्या कर दी।
राज्य के संत कबीर नगर जिले में एक अजीबोगरीब घटना हुई। जिले के निवासी बबलू को जब पता चला कि उसकी पत्नी के विवाहेतर संबंध हैं तो उसने उसकी शादी उस आदमी से कराने का फैसला किया जिसे वह चाहती थी।
बबलू ने मेरठ 'ब्लू ड्रम' हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा, मैंने टकराव के बजाय शांति को प्राथमिकता दी। हाल ही में, हमने देखा है कि पत्नियों ने ऐसे मामलों को लेकर अपने-अपने पति की हत्या कर दी है। इसलिए मैंने अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी से करवाने का फैसला किया ताकि हम दोनों सुकून से रह सकें। हालांकि, बबलू ने कुछ ही दिन बाद अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए उस व्यक्ति से संपर्क किया क्योंकि उसे अपने दो बच्चों को अकेले पालना मुश्किल लग रहा था।
डॉक्टर सुप्रिया दास ने कहा, विवाह की 'सांसारिक वास्तविकताएं' हमेशा से मौजूद रही हैं, लेकिन शायद भावनात्मक संतुष्टि की कमी के लिए असहिष्णुता बढ़ रही है। लोग व्यक्तिगत खुशी को प्राथमिकता देने वाले विकल्पों की तलाश करने के लिए खुद को सशक्त या संभवत: उतावला हताश महसूस कर रहे हैं। भले ही इसका मतलब लंबे समय से चली आ रही सामाजिक परंपराओं को चुनौती देना क्यों न हो।