लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने मुखर्जी को 'भारत माता का महान सपूत', एक दूरदर्शी नेता और एक ऐसा कट्टर राष्ट्रवादी बताया जिसने अखंड भारत के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। आदित्यनाथ ने संघ के विचारक मुखर्जी के 'बलिदान दिवस' के अवसर पर लखनऊ में आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में भाग लिया।
उनके साथ भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, वरिष्ठ नेता दिनेश शर्मा और कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी शामिल हुए। आदित्यनाथ ने कहा, आज भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष और भारत माता के महान सपूत डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि है। वर्ष 1953 में आज ही के दिन उन्होंने राष्ट्रीय एकता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
मुख्यमंत्री ने मुखर्जी को 'दूरदर्शी स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और राष्ट्र निर्माता' बताते हुए स्वतंत्र भारत में कैबिनेट मंत्री के रूप में देश के औद्योगिक और खाद्य नीति को आकार देने में उनकी भूमिका का जिक्र किया। आदित्यनाथ ने दावा किया कि मुखर्जी ने खासकर कश्मीर के मुद्दे पर राष्ट्रीय अखंडता से समझौता करने के प्रयासों का विरोध करते हुए जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुखर्जी ने उस समय जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और परमिट प्रणाली का कड़ा विरोध किया था।जब 1950 में संविधान लागू हुआ और 1952 के चुनावों के बाद अनुच्छेद 370 लागू किया गया तो मुखर्जी ने अपनी आवाज बुलंद की और 'एक राष्ट्र, एक नेता, एक कानून की बात की। मुखर्जी को बिना परमिट के कश्मीर में प्रवेश करते समय गिरफ्तार किया गया और 23 जून 1953 को हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई।