गुजरात ATS की गिरफ्त में आए 2 संदिग्ध UP के एक ही मदरसे में पढ़े थे

देश में आतंकवादी गतिविधियों की व्यापक जांच
एटीएस
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मुजफ्फरनगर : देश में आतंकवादी गतिविधियों की व्यापक जांच के सिलसिले में गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) द्वारा हाल ही में पकड़े गये 2 युवक पहले यहां एक ही मदरसे में साथ पढ़ते थे।

गिरफ्तार किये गये युवक शामली जिले के झिंझाना कस्बे का दर्जी आजाद सुलेमान शेख (20) और लखीमपुर खीरी का मोहम्मद सुहैल खान (23) बुढ़ाना कस्बे के एक स्थानीय मदरसे के छात्र रहे थे।

बुढ़ाना मदरसे के मोहतमिम (शिक्षक) मौलाना दाउद ने पुष्टि की कि दोनों युवकों ने उनके संस्थान में हाफिज-ए-कुरान (कुरान कंठस्थ) की पढ़ाई की थी, लेकिन गिरफ्तारी से बहुत पहले ही वे वहां से चले गये थे।

मौलाना दाउद ने कहा, आजाद शेख ने 2018 से 2019 तक यहां पढ़ाई की। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मदरसा बंद होने पर वह चला गया और फिर कभी वापस नहीं लौटा।

मौलवी ने आगे कहा, सुहैल लगभग तीन महीने पहले हाफ़िज की पढ़ाई के लिए आया था, लेकिन 5 नवंबर को अपने पिता की बीमारी का हवाला देकर चला गया। उसके बाद से वह वापस नहीं आया। मदरसा प्रमुख ने स्पष्ट किया कि संस्था केवल धार्मिक शिक्षा प्रदान करती है और इसका किसी भी अवैध या गैरकानूनी गतिविधि से कोई संबंध नहीं है।

उन्होंने कहा कि उन्हें दोनों पूर्व छात्रों की गिरफ्तारी के बारे में मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से ही पता चला। इस बीच, आजाद के पिता, सुलेमान, जो झिंझाना में एक निर्माण मजदूर हैं, ने कहा कि उनका बेटा ‘निर्दोष’ है और परिवार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह गुजरात कैसे पहुंचा।

सुलेमान ने कहा, मेरा बेटा 40 दिनों की तब्लीगी जमात यात्रा पर पश्चिम बंगाल गया था। बाद में, उसने हमें बताया कि वह अपने मदरसे वापस जा रहा है, लेकिन वह वहाँ कभी नहीं पहुंचा। हमें उसकी गिरफ्तारी के बारे में खबरों से पता चला। शामली के पुलिस अधीक्षक एनपी सिंह ने कहा कि गुजरात एटीएस ने आजाद को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है और उत्तर प्रदेश एटीएस भी उसकी पृष्ठभूमि की समानांतर जांच कर रही है।

सिंह ने कहा, आज़ाद के नाम से कोई पासपोर्ट नहीं मिला है। हम जांच के तहत उसके बैंक विवरण और स्थानीय संबंधों की पुष्टि कर रहे हैं। दोनों संदिग्धों को गुजरात एटीएस ने आठ नवंबर को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने चल रही जांच का हवाला देते हुए मामले के बारे में और जानकारी नहीं दी है।

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