

लखनऊ: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विश्व एकता और शांति पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि मौजूदा समय में जब विश्व कई चुनौतियों का सामना कर रहा है तो 'वसुधैव कुटुंबकम' का विचार और अधिक प्रासंगिक हो गया है। मुर्मू ने शुक्रवार को यहां लखनऊ के सुलतानपुर मार्ग स्थित ब्रह्माकुमारी राजयोग सेंटर गुलजार उपवन में राज्य स्तरीय वार्षिक 'विश्व एकता एवं विश्वास के लिए ध्यान (योग)' समारोह की शुरुआत करने के बाद प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
भारत ने हमेशा वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया
उन्होंने कहा, 'भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति ने सदैव विश्व को ''वसुधैव कुटुंबकम'' का संदेश दिया है, अर्थात संपूर्ण विश्व हमारा परिवार है और आज जब विश्व कई चुनौतियों का सामना कर रहा है तो यह (वसुधैव कुटुंबकम) विचार और अधिक प्रासंगिक हो गया है।' राष्ट्रपति ने देश में आए बदलावों और नयी उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि ''आज का मनुष्य पहले की अपेक्षा तकनीकी रूप से बहुत सक्षम है और आगे बढ़ने के अवसर हैं लेकिन समाज में उन्नति के साथ-साथ तनाव, मानसिक असुरक्षा, अविश्वास और एकाकीपन बढ़ रहा है।''
ब्रह्माकुमारीज की सराहना की
उन्होंने सुझाव देते हुए कहा, 'आज आवश्यक है कि हम केवल आगे बढ़ने की ही नहीं, बल्कि स्वयं के भीतर झांकने की यात्रा भी शुरू करें। इसका कदम ब्रह्माकुमारीज ने उठाया है, उसके लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहती हूं।'मुर्मू ने मानव स्वभाव की विवेचना करते हुए कहा कि 'प्रत्येक मनुष्य चाहता है कि दूसरे पर विश्वास करें, लेकिन विश्वास वहीं टिकता है जहां मन शांत हो, विचार स्वच्छ हों और भावनाएं शुद्ध हों।'
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की सराहना
इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि ''इस संस्था ने श्रेष्ठ जीवन मूल्यों की ओर अग्रसर करने की दिशा में कदम उठाया और यह वैश्विक चेतना का आरंभ था। यह आध्यात्मिक वटवृक्ष 136 देशों में अपनी सुगंध बिखेर रहा है और इसकी शाखाएं दिलों को जोड़ रही है।''
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति का स्वागत किया
उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि ''यह हमारे लिए गौरव का क्षण है जब विश्व एकता जैसे महत्वपूर्ण उद्देश्य को लेकर एक बड़े अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं। एक राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख के साथ ही राष्ट्रपति का जीवन एक शिक्षक के रूप में प्रेरणादायी रहा है और इन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपने जीवन को आगे बढ़ाया। एक पार्षद से लेकर राष्ट्रपति तक उनकी जीवन यात्रा हर भारतीय के लिए एक उदाहरण है।'