गाजियाबाद में 'फर्जी दूतावास' से जुड़े एक बड़े हवाला गिरोह की जांच कर रहा एसटीएफ

हर्षवर्द्धन जैन ने अंतरराष्ट्रीय अंडरवर्ल्ड के प्रमुख लोगों के साथ संबंध बनाए
स्वयंभू ‘राजनयिक’ हर्षवर्द्धन जैन (47) गिरफ्तार
स्वयंभू ‘राजनयिक’ हर्षवर्द्धन जैन (47) गिरफ्तार
Published on

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस का विशेष कार्य बल (एसटीएफ) एक बड़े हवाला (अवैध धन हस्तांतरण) गिरोह की गतिविधियों की जांच कर रहा है और ऐसी आशंका है कि यह गिरोह गाजियाबाद के कविनगर इलाके में ‘वेस्ट आर्कटिक’ के फर्जी दूतावास से संचालित हो रहा था।

एसटीएफ ने मंगलवार को इस फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ करते हुए संचालक स्वयंभू ‘राजनयिक’ हर्षवर्द्धन जैन (47) को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों का मानना है कि किराए का आलीशान बंगला (केबी-35) हवाला कारोबार का भी मुख्य केंद्र था। एसटीएफ द्वारा मंगलवार को गिरफ्तार किए गए स्वयंभू राजनयिक और सरगना हर्षवर्धन जैन (47) के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेन-देन की जांच शुरू हो गयी हैं।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुशील घुले ने गुरुवार को बताया कि जैन ने विभिन्न यूरोपीय देशों में एक दर्जन से ज्यादा कंपनियां स्थापित की हुई थीं और ऐसा संदेह है कि जैन ने इन कंपनियों का इस्तेमाल एक व्यापक हवाला नेटवर्क चलाने के लिए किया था।

उन्होंने बताया कि एसटीएफ की शुरुआती जांच में पता चला कि गाजियाबाद से बीबीए और लंदन से एमबीए की डिग्री हासिल करने वाले जैन ने अंतरराष्ट्रीय अंडरवर्ल्ड के प्रमुख लोगों के साथ संबंध बनाए।

अधिकारी ने बताया कि आरोपी जैन वर्ष 2000 में विवादास्पद धर्मगुरु चंद्रास्वामी के संपर्क में आया, जिसने कथित तौर पर उसे कुख्यात हथियार कारोबारी अदनान खशोगी और एहसान अली सैयद से मिलवाया था। एसटीएफ ने जैन द्वारा लंदन में विशेष रूप से एहसान अली सैयद के साथ मिलकर एक दर्जन से ज्यादा कंपनियां स्थापित करने की पुष्टि की। एसटीएफ ने दावा किया इन कंपनियों का इस्तेमाल हवाला की गतिविधियों के लिए किया गया और इससे वैध व्यवसाय के नाम पर धन शोधन नेटवर्क जारी था।

अधिकारियों के मुताबिक, जैन की अंतरराष्ट्रीय स्तरीय गतिविधियां एक जटिल वित्तीय गोरखधंधे को उजागर करती हैं और उसने वर्ष 2006 में दुबई जाने के बाद हैदराबाद के शफीक, दुबई में रहने वाले इब्राहीम के साथ कई कंपनियां बनाईं।

उन्होंने बताया कि जैन साल 2011 में भारत लौटा और 2012 से उसने खुद को गैर-मान्यता प्राप्त या ‘माइक्रोनेशन’ कहे जाने वाले ‘वेस्ट आर्कटिक’, ‘सबोर्गा’, ‘लोडोनिया’ और ‘पोल्विया’ के सलाहकार या राजदूत के रूप में पेश करना शुरू कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक, इन फर्जी राजनयिक पहचानों की आड़ में जैन ने लोगों को विदेश में नौकरी और वीजा दिलाने का झांसा देकर कथित तौर पर ठगा।

उन्होंने बताया कि जैन अक्सर नकली राजनयिक नंबर प्लेट लगे वाहनों का इस्तेमाल करता था।एसटीएफ द्वारा मंगलवार को कविनगर स्थित उसके आवास पर की गई छापेमारी में कई सुबूत मिले।

विशेष कार्य बल ने आवास से 44.7 लाख रुपये नकद, विदेशी मुद्राएं, कई जाली राजनयिक पासपोर्ट, 18 नकली राजनयिक नंबर प्लेट, विदेश मंत्रालय की जाली मुहरें और 34 देशों की कंपनियों की मुहरें बरामद कीं।

एसटीएफ जैन के अंतरराष्ट्रीय हवाला संबंधों की जांच कर रही है, वहीं स्थानीय पुलिस भी जैन के गोरखधंधा का पता लगाने में जुटी है। गाजियाबाद पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि जैन ने अपना धंधा कैसे चलाया और वह कितने साल से सक्रिय था।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in