

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) पर हमला करते हुए कहा कि उनके शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास कुंभ की समीक्षा करने का समय नहीं था और एक गैर सनातनी को इसका प्रभारी बनाया गया था।
विधानसभा में अपने संबोधन में आदित्यनाथ ने कहा, हमने सपा की तरह आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं किया है। आपके समय में मुख्यमंत्री के पास आयोजन को देखने और समीक्षा करने का समय नहीं था और इसलिए उन्होंने एक गैर सनातनी को कुंभ का प्रभारी नियुक्त किया था। आदित्यनाथ 2013 में आयोजित कुंभ का जिक्र कर रहे थे जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे और उन्होंने मोहम्मद आजम खान को कुंभ मेले का प्रभारी बनाया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, लेकिन यहां मैं खुद कुंभ की समीक्षा कर रहा था और अब भी कर रहा हूं। यही कारण है कि 2013 में जो भी कुंभ में गया, उसने वहां अव्यवस्था, भ्रष्टाचार, प्रदूषण देखा। मां गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में नहाने लायक पानी नहीं था। मॉरीशस के प्रधानमंत्री इसका उदाहरण हैं जिन्होंने स्नान करने से इनकार कर दिया था।
आदित्यनाथ ने कहा,इस बार लगातार लोग आ रहे हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति वहां आए। भूटान नरेश आए, दुनिया के सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष वहां आए। सभी ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और इसे सफल बनाया। उन्होंने कहा कि पहली बार उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, सभी स्थानों के लोग इस कार्यक्रम का हिस्सा बने और उन्होंने इसे सफल बनाया।
महाकुंभ में एक समुदाय विशेष के साथ भेदभाव के सपा सदस्यों के आरोप को गलत बताते हुए आदित्यनाथ ने कहा, जो आप कहते हैं कि भेदभाव हुआ है, तो मैं जानना चाहता हूं कि आखिर किसके साथ भेदभाव हुआ है ? वहां न जाति का भेद है, न क्षेत्र का भेद है, न मत और मजहब का भेद है। किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया गया। सारे लोग एक घाट पर स्नान कर रहे हैं। इससे बड़ी एकात्मता का संदेश और क्या हो सकता है ? इससे बड़ी एकता का संदेश और क्या हो सकता है ? और यही सच्चा सनातन धर्म भी है।