'पीड़िता के घर के 5 किमी के दायरे में न भटके कुलदीप सेंगर', सशर्त मिली जमानत

अदालत ने कहा, “शर्तों का उल्लंघन होने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी।
'पीड़िता के घर के 5 किमी के दायरे में न भटके कुलदीप सेंगर', सशर्त मिली जमानत
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नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे भाजपा के निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर की सजा मंगलवार को निलंबित कर दी। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर ने 15 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतने की ही तीन जमानत राशियां जमा करने का निर्देश देकर सेंगर को जमानत दे दी।

सेंगर को उच्च न्यायालय का निर्देश

उच्च न्यायालय ने सेंगर को निर्देश दिया कि वह न तो पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में जाएंगे और न ही उसे या उसकी मां को कोई धमकी देंगे। अदालत ने कहा, “शर्तों का उल्लंघन होने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी।” उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले में दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपील लंबित रहने तक सेंगर की सजा पर रोक लगाई है। उसने दिसंबर 2019 के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी।

अपहरण और बलात्कार से जुड़ा है मामला

संबंधित मामले के अनुसार, सेंगर ने 2017 में नाबालिग लड़की का अपहरण कर बलात्कार किया था। उच्चतम न्यायालय के एक अगस्त 2019 के निर्देश के आधार पर बलात्कार और अन्य संबंधित मामले उत्तर प्रदेश की एक निचली अदालत से दिल्ली स्थानांतरित कर दिए गए थे।

सुर्खियों में छाया था मामला

पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत होने से संबंधित मामले में सजा के खिलाफ सेंगर की अपील अब भी लंबित है। इस अपील में उसने यह कहते हुए सजा निलंबित करने का आग्रह किया है कि वह पहले ही जेल में काफी समय बिता चुका है। हिरासत में मौत के मामले में उसे 10 साल की सजा सुनाई गई थी।

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