जामा मस्जिद विवाद : परिसर में नजाम पढ़ने पर रोक लगाने की याचिका दायर, सुनवाई 21 जुलाई को

नमाज पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका
मस्जिद
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संभल : संभल जिले के चंदौसी की एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को उस विवादित शाही जामा मस्जिद पर नमाज अदा करने पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख 21 जुलाई तय की है जिसके हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया है। इस मामले से जुड़े वकीलों ने यह जानकारी दी। कार्यवाही के दौरान मस्जिद के अंदर नमाज अदा करने पर रोक लगाने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें मस्जिद की ‘विवादित स्थिति’ का हवाला दिया गया था। मामले की सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिवीजन) आदित्य सिंह की अदालत में हुई।

यह विवाद पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में पहुंचा था, जहां मुस्लिम पक्ष ने मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के लिए निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। हालांकि, 19 मई को हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा और निर्देश दिया कि निचली अदालत में कार्यवाही जारी रहे। गुरुवार की सुनवाई में, अदालत ने याचिकाकर्ता सिमरन गुप्ता की ओर से शाही जामा मस्जिद में नमाज अदा करने पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका स्वीकार कर ली।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि चूंकि न्यायालय ने इस स्थल को विवादित माना है, इसलिए मुसलमानों को भी नमाज अदा करने से रोका जाना चाहिए, जैसे कि वर्तमान में हिंदुओं को पूजा करने से प्रतिबंधित किया गया है। याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि मस्जिद को सील कर दिया जाए और उसे संभल के जिलाधिकारी की निगरानी में रखा जाए। हिंदू पक्ष की ओर से सिमरन गुप्ता ने भी याचिकाकर्ता बनाए जाने की मांग की है। दोनों मामलों की सुनवाई 21 जुलाई को होगी।

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