'राम मंदिर में धर्म ध्वजा फहराया जाना भारतीय सभ्यता का प्रतीक', गोरखपुर में बोले CM योग

यह देश की अटूट सभ्यता की विरासत में एक महत्वपूर्ण कड़ी
राम मंदिर
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गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर के शिखर पर पिछले माह धर्म ध्वजा फहराया जाना हर भारतीय के लिए गर्व का पल है और यह देश की अटूट सभ्यता की विरासत में एक महत्वपूर्ण कड़ी है।

मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राम जन्मभूमि स्थल पर भव्य मंदिर का निर्माण और धर्म ध्वजा का फहराया जाना भारत की सांस्कृतिक निरंतरता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, यह हमारी सभ्यता की यात्रा में मील का एक महत्वपूर्ण पत्थर है जो हर भारतीय को इस विरासत का वारिस होने पर गर्व महसूस कराता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 25 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की पहचान उसकी संस्कृति, परंपराओं और राष्ट्रीय प्रतीकों में है और सांस्कृतिक मूल्यों के क्षरण से राष्ट्रीय एकता कमजोर होती है।

उन्होंने महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोबिंद सिंह और रानी लक्ष्मीबाई जैसे ऐतिहासिक लोगों और देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सपूतों के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनकी हिम्मत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

योगी ने इस बात पर जोर दिया कि त्योहार और परंपराएं राष्ट्रीय मूल्यों को मजबूत करती हैं। साथ ही लोगों को सामाजिक मतभेदों से ऊपर उठाकर एक साथ लाती हैं।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'पांच वादे' भी बताए और कहा कि इनसे देश को अपनी विरासत से फिर से जुड़ने, उपनिवेशवाद की सोच को खत्म करने और सेना के प्रति सम्मान को फिर से पक्का करने में मदद मिली है।

आदित्यनाथ ने कहा, राष्ट्रीय पहचान को जाति, क्षेत्र और भाषा के बंटवारे से ऊपर उठाया जाना चाहिये। अगर हम इन पांच संकल्पों को साधते हैं तो कोई कारण नहीं है कि भारत पूरी तरह से विकसित देश न बन सके।

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