SIR की समयसीमा बढ़े और बैलेट पेपर से हो मतदान: मायावती
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR ) के विरोध में नहीं है, लेकिन इसकी समयसीमा को बढ़ाना चाहिए।
मायावती ने 'X' पर लिखा
मायावती ने ‘X’ पर पोस्ट कर कहा कि संसद में आज से चुनाव सुधार को लेकर चर्चा शुरू हुई है, ऐसे में बसपा का मानना है कि चुनाव प्रक्रिया में अन्य सुधारों के साथ तीन विशेष सुधार लाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एसआईआर को लेकर जो व्यवस्था पूरे देश में लागू है, बसपा उसके विरोध में नहीं है, लेकिन मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया के लिए निर्धारित समय बहुत कम है।
कम समय के कारण BLO पर भारी दबाव है
मायावती ने कहा कि कम समय के कारण बूथ स्तरीय अधिकारी (BLO) पर भारी दबाव है और काम के बोझ की वजह से कई बीएलओ अपनी जान भी गंवा चुके हैं। उन्होंने कहा कि करोड़ों मतदाताओं वाले राज्यों में उन्हें पर्याप्त समय मिलना चाहिए, खासकर उन राज्यों में जहां निकट भविष्य में कोई चुनाव नहीं है।
उत्तर प्रदेश में 15.40 करोड़ से अधिक मतदाताओं पर पड़ेगा असर
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग 15.40 करोड़ से अधिक मतदाता हैं ऐसे में अगर वहां एसआईआर का काम जल्दबाजी में पूरा करने का प्रयास किया गया तो अनेक वैध मतदाताओं, विशेषकर गरीब और काम की तलाश में बाहर गए लोगों के नाम मतदाता सूची से छूट सकते हैं।
EVM की जगह बैलेट पेपर से होना चाहिए मतदान: मायावती
साथ ही मायावती ने यह भी कहा कि ‘‘हमारी पार्टी का यह सुझाव है कि ईवीएम के संबंध में लगातार उठती गड़बड़ियों की शिकायत जो चुनाव के दौरान और उसके बाद व्यक्त की जाती है, उसे दूर करने के लिए और चुनाव प्रक्रिया में सभी का पूर्ण रूप से विश्वास पैदा करने के लिए अब ईवीएम के द्वारा वोट डलवाने की जगह पुनः बैलेट पेपर से ही वोट डलवाने की प्रक्रिया लागू की जाये।’’
उन्होंने कहा कि यदि किसी कारण से इसे तुरंत लागू करना संभव न हो, तो कम से कम वीवीपैट (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) सभी पर्चियों की हर बूथ पर गिनती कर ईवीएम के वोट से मिलान किया जाना चाहिए।

