मथुरा में श्रद्धालु भक्तिभाव से मना रहे हैं ‘बिहार पंचमी’

श्री बांके बिहारी के 482वें प्राकट्य उत्सव ‘बिहार पंचमी’ में उमड़े भक्त
बांके बिहारी का प्राकट्य उत्सव
बांके बिहारी का प्राकट्य उत्सव
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मथुरा : मथुरा-वृंदावन में मंगलवार को श्री बांके बिहारी के 482वें प्राकट्य उत्सव ‘बिहार पंचमी’ में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इस पर्व को वृंदावन मंदिर कैलेंडर में महत्वपूर्ण अवसरों में से एक माना जाता है और इसमें देश भर से और विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं।

श्री बांके बिहारी मंदिर के सेवायत ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी ने कहा कि इस दिन स्वामी हरिदास को वृंदावन के निधि वन में बांके बिहारी जी की प्रतिमा मिली थी। इस मौके पर मंदिर में हलवे का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

इतिहासकार और मंदिर सेवायत प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने कहा कि श्री बांके बिहारी जी के प्रकट होने के स्थान यानी निधिवन से एक शोभायात्रा प्रारंभ हुई है और यह वृंदावन की खास जगहों से होती हुई श्री बांके बिहारी मंदिर पर समाप्त होगी।

शोभायात्रा में शामिल भक्त ‘श्री बांके बिहारी लाल की जय’ के जयकारे लगा रहे हैं साथ ही उनके भजन और कीर्तन शोभायात्रा को और भी खास बना रहे हैं। इस शोभायात्रा में विट्ठल विपुल जी (जगन्नाथ जी के भतीजे), जगन्नाथ जी (हरिदास जी के भाई) और स्वामी हरिदास जी के तीन सजे हुए रथ शामिल हैं।

गोस्वामी ने बताया कि आरती और भोग प्रसाद के लिए बांके बिहारी जी के साथ विट्ठल विपुल जी, जगन्नाथ जी और स्वामी हरिदास जी की तस्वीर रखी जाती हैं और ऐसा माना जाता है कि आज ठाकुर जी स्वामी हरिदास जी की गोद में बैठकर प्रसाद ग्रहण करते हैं।आरती के बाद भक्तों को उपहार बांटे जाते हैं।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि श्री बांके बिहारी मंदिर के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई उच्च स्तरीय कमेटी ने इस साल समारोह के लिए सात लाख का बजट मंजूर किया है।

जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि चूंकि मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों के आने की उम्मीद है, इसलिए वृंदावन में अलग-अलग जगहों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

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