बागपत में बेटियों को ‘रिवॉल्वर’ थमाने के प्रस्ताव पर छिड़ी बहस

नाबालिग लड़कियों को मोबाइल नहीं देने की सलाह
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
Published on

बागपत : उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में नाबालिग लड़कियों को मोबाइल से दूर रखने की सलाह और बेटियों को ‘रिवॉल्वर’ थमाने के प्रस्ताव को लेकर बहस छिड़ गई है।

राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने नाबालिग लड़कियों को मोबाइल फोन देने को पूरी तरह गलत ठहराते हुए उस पर रोक लगाने की वकालत की है, जबकि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की महापंचायत में बेटियों को आत्मरक्षा के लिए ‘रिवॉल्वर’ देने का प्रस्ताव आया है।

भराला गुरुवार को खिंदोड़ा गांव में एक लापता बच्ची के परिजनों से मिलने पहुंचीं थीं। उन्होंने कहा,18 साल से कम उम्र की लड़कियों को मोबाइल फोन नहीं देना चाहिए। मोबाइल की वजह से आए दिन ‘ब्लैकमेलिंग’, वीडियो वायरल किये जाने और आत्महत्या जैसी घटनाएं सामने आती हैं। अभिभावकों को बेटियों की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए।

इसके पहले अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष ठाकुर कुंवर अजय प्रताप सिंह ने रविवार को गौरीपुर मितली गांव में आयोजित ठाकुर समाज की केसरिया महापंचायत में कहा, बदलते हालात में विवाह के समय सोना-चांदी के बजाय बेटियों को आत्मरक्षा के लिए तलवार, कटार या रिवॉल्वर दी जानी चाहिए। यदि रिवॉल्वर लेना कठिन हो तो कट्टा भी विकल्प हो सकता है।

इन बयानों पर स्थानीय महिलाओं और समाजसेवियों की राय बंटी नजर आई। लधवाड़ी गांव की प्रधान शुभलक्ष्मणा ने कहा, रिवॉल्वर कन्यादान में देना व्यावहारिक नहीं है। इसका मतलब होगा कि आप बेटी को घर बसाने के लिए नहीं, बल्कि अपराध की राह पर भेज रहे हैं। हां, आत्मरक्षा का प्रशिक्षण हर लड़की को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, मोबाइल पर पाबंदी की बात सही है, कम उम्र में फोन नहीं मिलना चाहिए।

वहीं गौरीपुर हबीबपुर ग्राम पंचायत की प्रधान राधा ने कहा,मोबाइल हो या रिवॉल्वर, हर चीज का सकारात्मक और नकारात्मक पहलू है। उन्होंने कहा, मोबाइल शिक्षा और जानकारी का जरिया भी है। सवाल जिम्मेदारी और नियंत्रण का है। सही मार्गदर्शन मिले तो किसी पाबंदी की जरूरत नहीं।

महिला जनशक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष मधु शर्मा ने कहा,आज की परिस्थितियों में मोबाइल पढ़ाई और सुरक्षा का जरिया है। रिवॉल्वर देना कोई व्यावहारिक समाधान नहीं है। सुरक्षा के लिए सरकार और समाज को मिलकर ठोस कदम उठाने चाहिए।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in