

प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक जाहिद जमाल बेग की पत्नी सीमा बेग के खिलाफ जिला भदोही में मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित आपराधिक मुकदमा और आरोप पत्र को शुक्रवार को रद्द कर दिया।
सीमा बेग और उनके पति (सह-आरोपी) के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि उन्होंने एक नाबालिग लड़की को बिना भुगतान के घरेलू काम पर रखा। इसके लिए बेग दंपत्ति के खिलाफ किशोर न्याय (देखभाल एवं संरक्षण) कानून और बंधुआ श्रमिक प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
न्यायमूर्ति समीर जैन ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा,मौजूदा मामले में ऐसा कोई आरोप नहीं है कि कथित पीड़िता को याचिकाकर्ता द्वारा बंधक बनाकर रखा गया और ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि याचिकाकर्ता ने उसका पैसा नहीं दिया तथा अपने लिए पैसा खर्च किया। इसलिए प्रथम दृष्टया किशोर न्याय अधिनियम की धारा 79 के तहत भी कोई अपराध नहीं बनता।
अदालत ने आगे कहा, मौजूदा मामले में ऐसा कोई साक्ष्य या आरोप नहीं है कि याचिकाकर्ता ने पीड़िता को बंधुआ मजदूरी करने के लिए बाध्य किया। इसलिए बंधुआ श्रमिक अधिनियम के प्रावधानों के तहत याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराध का कोई मामला नहीं बनता।
अदालत ने कहा कि इसलिए, जिरह से यह स्पष्ट है कि उपलब्ध सामग्री के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 143, किशोर न्याय अधिनियम की धारा 79 और बंधुआ मजदूर अधिनियम की धारा 4/16 के तहत कोई अपराध नहीं बनता। इस प्रकार से सीमा बेग के खिलाफ संपूर्ण मुकदमा और आरोप पत्र को रद्द किया जाता है।