

प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोडिन कफ सिरप मामले में 2 आरोपियों- सिंटू उर्फ अखिलेश प्रकाश और आकाश मौर्य की रिट याचिकाएं सोमवार को खारिज कर दीं। याचिकाकर्ताओं ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देते हुए इस मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने के अनुरोध के साथ अदालत का रुख किया था।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट और न्यायमूर्ति गरिमा प्रसाद की पीठ ने पारित किया। इन आरोपियों के खिलाफ जौनपुर स्थित कोतवाली पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
अदालत ने यह कहते हुए याचिकाएं खारिज कर दीं कि याचिकाकर्ताओं का यह कृत्य समाज के खिलाफ गंभीर प्रकृति का अपराध है।
अदालत ने कहा कि ये आरोपी एक बड़े सीमापार नारकोटिक्स नेटवर्क के संदिग्ध सरगना हैं और उत्तर प्रदेश में कथित कोडिन आधारित कफ सिरप की तस्करी के रैकेट के सदस्य हैं। इस नारकोटिक्स नेटवर्क का कथित तौर पर निर्माण फर्जी कंपनियों और फर्जी दस्तावेजों पर किया गया था।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि इन आरोपियों ने गाजियाबाद और वाराणसी में स्टॉक प्वाइंट से भारी मात्रा में कोडिन मिले कफ सिरप को झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, नेपाल और बांग्लादेश पहुंचाने के लिए एक श्रृंखला बनाई थी।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि अवैध खेप को वैध फार्मा खेप के रूप में पहुंचाने के लिए कई फर्जी कंपनियां बनाई गई थीं। इस मामले में गाजियाबाद, वाराणसी, जौनपुर और अन्य जिलों में कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की एक दूसरी पीठ ने इसी तरह के मामले में दो आरोपियों को अंतरिम संरक्षण देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 17 दिसंबर निर्धारित की थी।