बांके बिहारी मंदिर मामला : इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई टली

कोर्ट ने अगली तिथि 26 अगस्त निर्धारित की
इलाहाबाद हाई कोर्ट
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प्रयागराज : मथुरा स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर का नियंत्रण और निगरानी के लिए अध्यादेश लाकर ट्रस्ट का गठन करने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई टाल दी और अगली तिथि 26 अगस्त निर्धारित की।

बुधवार को जब न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिए पेश किया गया तो राज्य सरकार के वकील ने अदालत को सूचित किया कि अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और इस पर सुनवाई लंबित है। इसके बाद अदालत ने सुनवाई टाल दी। अदालत प्रणव गोस्वामी और अन्य व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है।

वहीं दूसरी ओर, वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर कथित शिव लिंग को छोड़कर शेष वुजूखाना क्षेत्र का एएसआई से सर्वेक्षण कराने की मांग वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 23 सितंबर निर्धारित की।

बांके बिहारी मंदिर मामले में सुनवाई टाल दी गई, लेकिन अदालत ने सरकारी अधिवक्ता से कहा कि जहां तक प्रस्तावित ट्रस्ट में नौकरशाहों को शामिल करने का संबंध है, इस अध्यादेश में संशोधन होना उचित होगा।

अदालत ने कहा कि अध्यादेश के जरिए सरकार मंदिर पर नियंत्रण स्थापित करना चाहती है जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती और यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है।

इससे पूर्व 21 जुलाई को अदालत द्वारा नियुक्त न्याय मित्र संजीव गोस्वामी ने कहा था, यह मंदिर एक निजी मंदिर है और यहां ब्रह्मलीन स्वामी हरि दास जी महाराज के वंशजों द्वारा धार्मिक अनुष्ठान किया जा रहा है। यह अध्यादेश जारी कर सरकार गुपचुप तरीके से मंदिर पर नियंत्रण का प्रयास कर रही है।

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